डीएनए हिंदीः आपको बता दें अंगूर या आम के अलावा रसभरी, अनार, शकरकंद, पपीता, अनानास और कीवी जैसे फल से भी वाइन बनती है. फलों से बनने वाली वाइन में अल्कोहल की मात्रा बेहद कम होती है और इसे नेचुरल फर्मेंटेशन से बनाया जाता है जिससे इसे पीने से शरीर का पीएच लेवल भी सही रहता है.
फलों और जड़ी-बूटियों से बनी वाइन कई औषधीय गुणों से भरी होती है और इनमें प्रचुर मात्रा में द्वितीयक मेटाबोलाइट्स (बायोएक्टिव) होते हैं. हर्बल और फलों की वाइन जैविक कार्य और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है जैसे कि एंटीऑक्सिडेंट, सूजन-रोधी गतिविधि, कैंसर-रोधी, बुढ़ापा-रोधी और हृदय संबंधी समस्याओं, मधुमेह, मोटापा और न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों से सुरक्षा.
मैंगो वाइन के फायदे
आम से बनी वाइन में फेनोलिक यौगिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने में महत्वपूर्ण हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि फ्लेवनॉल्स, फ्लेवेनोन, फ्लेवोन, टैनिन, एंथोसायनिन, हाइड्रोक्सीसेनामिक एसिड, हाइड्रोक्सीबेन्जोइक एसिड और रेस्वेराट्रोल जैसे फेनोलिक पदार्थ हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह, सूजन और अन्य पुरानी बीमारियों को रोकने में मदद कर सकते हैं.
मैंगो वाइन का स्वाद कैसा होता है?
मैंगो वाइन बहुत मीठी नहीं है, और यह बहुत स्मद टेक्सचर वाली होती है. इस वाइन में आम का स्वाद होता है. बता दें के लिए वाइन के लिए शहरी के साथ लंगड़ा, चौसा, सफेदा, देसी और आम्रपाली किस्मों का यूज किया जाता है. बता दें कि इसमें अल्कोहल मात्रा की अंगूर से बनी वाइन से काफी कम रहती है और इसमें अच्छी मात्रा में मौजूद एंटी आक्सीडेंट और पालीफिनाल हृदय और कैंसर जैसी बीमारियों के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है.
क्या आम में अल्कोहल होता है?
फर्मेंटेशन के बाद आम के रस को कुछ नेचुरल चाजों को मिलाकर वाइन बनाई जाती है. अल्कोहल का प्रतिशत 7-8.5% (w/v) के बीच था.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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