डीएनए हिंदी : इंग्लैंड में पिछले कुछ सालों में स्ट्र्रेट लोगों की संख्या में कमी आई है. इंग्लैंड के अख़बार डेली मेल में छपी ख़बर के मुताबिक़ देश में स्ट्रेट एडल्ट की संख्या में 1% से अधिक की गिरावट आई है. खबर के अनुसार अब देश में पहले से कहीं अधिक लोग अपनी पहचान लेस्बियन, गे और बाईसेक्सुअल लोगों के तौर पर कर रहे हैं. अब 16 से 24 साल के उम्र वर्ग में अब हर बारहवां व्यस्क LGB समूह का हिस्सा है.
खुल रहे हैं लोग अब अपनी Sexuality को लेकर
ONS के द्वारा ज़ारी किए गए स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक अधिक से अधिक लोग अब अपनी सेक्सुअलिटी को लेकर खुल रहे हैं. इसे समाज के LGBTQ समुदाय के प्रति सहिष्णु होने के तौर पर लिया जा रहा है. यह ट्रेंड अमूमन 16 साल से अधिक उम्र के लोगों में देखा गया है. नागरिक स्तर पर यह देखा गया कि तक़रीबन 8% लोग 16-24 उम्र वर्ग में बाईसेक्सुअल के तौर पर सामने आए, जबकि ठीक दो साल पहले 2020 में यह संख्या 5% थी. 2020 में औसतन 20 में 1 व्यक्ति ही अपने आपको LGB के तौर पर आयडेंटीफाय किया करते थे. यह सर्वे सेक्सुअल आइडेंटिटी के आधार पर किया गया था.
भारत में 3% लोग अपने आप को Gay या Lesbian मानते हैं
2021 में आई हुई LGBT+ Pride 2021 ग्लोबल सर्वे के मुताबिक भारत में 3% लोग अपने आप को गे या लेस्बियन मानते हैं. वहीं 9% लोग अपने आप को बाय-सेक्सुअल मानते हैं और 2% लोग ख़ुद को असेक्सुअल समझते हैं. भारत में लगातार LGBTQ सेंसिटिविटी पर काम किया जा रहा है.
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यहां 6 सालों में दोगुनी हो गई गे और लेस्बियन की संख्या, भारत में 3% होमोसेक्सुअल