डीएनए हिंदी: (Bad Cholesterol Signs In Legs) कोलेस्ट्राॅल उन साइलेंट बीमारियों में से एक है, जिसके लक्षण शरीर में घातक स्थिति में पहुंचने पर दिखाई देते हैं. यह नसों में जमनेे वाला एक गंदा वास है, जो धीरे धीरे नसों के अंदरूनी हिस्सों में जमकर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करने लगता है. इसका हाई लेवल शरीर के किसी भी भाग की धमिनयों को ब्लाॅक कर देता है. खून रुकते ही हार्ट अटैक, स्ट्रोक और पैरालाइसिस हो जाता है. इनमें कई बार लोगों की जान चली जाती है. यही वजह है कि समय समय पर कोलेस्ट्राॅल की जांच कराना बेहद जरूरी होता है.
कोलेस्ट्राॅल के हाई होने की मुख्य वजह हमारा खराब खानपान और आलस्य से भरा लाइफस्टाइल है. इसी की वजह से खाने से निकलने वाला वसा नसों में जम जाता है. यह एक चिपचिपा पदार्थ होता है, जो नसों में जमकर ब्लाॅकेज बढ़ाने लगता है. इसके कुछ लक्षण तब दिखाई देते हैं, जब यह घातक स्थिति में पहुंच जाता है. इन लक्षणों को दिखते ही जांच न कराना या फिर अनदेखा करना जान लेवा हो सकता है. यह लक्षण आपको अपने पैरों में नजर आ सकते हैं. आइए जानते हैं...
पैरों में होने लगता है भारीपन और दर्द
अगर आपको चलने फिरने के दौरान पैरों में दर्द और भारीपन महसूस हो रहा है ता यह कोलेस्ट्राॅल का संकेत हो सकता है. ऐसी स्थिति में कोलेस्ट्राॅल का टेस्ट जरूर कराएं. यह दर्द आपको जांघों या पिंडलियों में भी महसूस हो सकता है, जो समय के साथ सहना भारी पड़ता है.
स्किन का बदलने लगता है रंग
शरीर के कुछ हिस्सों में अक्सर दर्द के साथ स्किन में बदलाव नजर आने लगता है. इसकी वजह नसों में ब्लड सर्कुलेशन की कमी और रुकावट होना भी हो सकती है. खून की गति प्रभावित होने पर ही ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं. ये खासकर शरीर के निचले हिस्से में दिखते हैं. स्किन में दिखने वाले इन बदलावों को बिल्कुल नजरअंदाज न करें. इनकी वजह हाई कोलेस्ट्राॅल हो सकती है.
पैरों में ऐंठन होना
पैरों की उंगली, पिंडलियों या एड़ी में ऐंठन की समस्या भी बैड कोलेस्ट्राॅल की तरफ इशारा करती है. इसकी वजह धमनियों में वसा कर जमकर नसों को डैमेज करना है. यह नसों पर अंदर से भारी दबाव बनाती है. इसकी वजह से नसें फूलने लगती हैं. उन पर पड़ने वाला दबाव दर्द और ऐंठन पैदा करता है. ऐसी स्थिति में पैरों के नीचे तकिया लगाकर या थोड़े ऊंचे स्थान पर रखकर सो सकते हैं. इसे आराम मिलता है.
पैरों का ठंडा होना
बिना मौसम भी अगर आपके पैर ठंडे रहते हैं तो समस्या की बात है. यह हाई कोलेस्ट्राॅल का ही संकेत है. इसकी एक वजह खून का दौरान धीमा पड़ना है. नसों में जमा कोलेस्ट्राॅल ब्लड सर्कुलेशन को डाउन कर देता है. यह स्थिति नसों में ब्लाॅकेज तक कर सकती है. ऐसे में इस संकेत को भूलकर भी नजरअंदाज न करें. कोलेस्ट्राॅल की जांच करा लें.
घाव भरने में बहुत समय लगना
अगर शरीर के किसी अंग में चोट लग गई है और उसका घाव भरने में देरी हो रही है. इसके पीछे की वजह सिर्फ डायबिटीज ही नहीं कोलेस्ट्राॅल भी हो सकती है. ब्लड सर्कुलेशन डाउन होने पर भी घाव भरने में देरी लगती है. ऐसी स्थिति में कोलेस्ट्राॅल की जांच कराना बेहद जरूरी है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
पैरों में दिखें ये 5 लक्षण तो समझ जाएं कोलेस्ट्राॅल से लबालब भर गई हैं नसें, थोड़ी भी लापरवाही ले सकती है जान