डीएनए हिंदी : आज देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण कर लिया है. आज सावन का दूसरा सोमवार है. गौरतलब है कि सावन के पहले सोमवार को राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी और ठीक एक हफ्ते बाद आज उन्होंने शपथ ग्रहण कर लिया. श्रीमती मुर्मू के बारे में यह बात प्रचलित है कि वे ब्रह्मकुमारी आध्यात्म से जुड़ी हुई हैं. नामांकन के दरमियान उनकी एक तस्वीर ख़ूब वायरल हुई थी जिसमें वे ओडिशा के रायरंगपुर मंदिर में झाड़ू लगा रही थीं. कहा जाता है कि अध्यात्म की ओर झुकाव के साथ ही भगवान् शिव में भी उनकी गहरी आस्था है. उनके गांव के लोग भी इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि वे शिव का ध्यान करना कतई नहीं भूलती हैं.
विशुद्ध सात्विक हो सकता है President House Menu
जानकारियों के अनुसार 2013 में बड़े बेटे की मौत के बाद द्रौपदी मुर्मू भयानक डिप्रेशन में चली गई थीं. अध्यात्म इससे उबरने के लिए उनका सहारा बना. ब्रह्मकुमारी संस्थान के ज़रिए उन्होंने अपने मन को शांत किया. इस दरमियान उनकी शिवभक्ति भी प्रखर हुई. अध्यात्म का साथ मिलते ही उन्होंने न केवल मांसाहार करना छोड़ा बल्कि लहसुन-प्याज जैसी तामसिक मानी जाने वाली सब्ज़ियों का भी त्याग कर दिया है.
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पखाल और सजना का साग है President Of India का फ़ेवरेट
भारत की नव-निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पानी का भात बहुत अच्छा लगता है. उनकी बहू का कहना है कि वे घर आने से पहले ही बता देती हैं कि पानी का भात और सजना यानी सहजन का साग बना कर रखना है. पखाल और सजना का साग बेहद प्रचलित संथाली खाना है. सजना का साग कई जगह मुनगा के साग के रूप में भी प्रचलित है. लोगों को उम्मीद है कि राष्ट्रपति महोदया का शाकाहार प्रेम President House Menu में भी दिखेगा. साथ ही सात्विक माने जाने संथाली फ़ूड आइटम भी मेनू में नज़र आएंगे.
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