हर कोई स्वस्थ और चमकदार त्वचा पाना चाहता है, लेकिन कुछ लोग हमेशा अपने सांवले रंग को लेकर चिंतित रहते हैं. ऐसे में वे कई तरह के केमिकल ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं. कभी-कभी इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है और कई तरह की त्वचा संबंधी समस्याएं आपको परेशान करने लगती हैं. त्वचा को खूबसूरत और चमकदार बनाने के लिए लोग ग्लूटाथियोन इंजेक्शन, लोशन या गोलियां लेते हैं. क्या ये वाकई फायदेमंद है? आइये जानते हैं उसके बारे में.
आजकल त्वचा को खूबसूरत और चमकदार बनाने के उपाय के तौर पर अक्सर ग्लूटाथियोन नाम का इस्तेमाल किया जाता है. कई बॉलीवुड सितारों के बारे में भी अफवाह है कि उन्होंने ग्लूटाथियोन इंजेक्शन लिया है. इसमें काजोल, दीपिका समेत कई स्टार्स के नाम सामने आए हैं. काजोल ने इन अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने जिंदगी में पहली बार 10 साल तक धूप में काम किया, जिससे उनका रंग सांवला हो गया. फिर उन्होंने धूप से बचना शुरू कर दिया, जिससे उनकी त्वचा चमकने लगी.
असल में ग्लूटाथियोन फ्री रेडिकल्स से छुटकारा दिलाने और मेलालिन को कम करने में मदद करता है. ग्लूटाथियोन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. यह तीन अमीनो एसिड (ग्लाइसिन, सिस्टीन और ग्लूटामिक एसिड) से बना होता है. यह कोशिकाओं को डिटॉक्सीफाई करता है और त्वचा का रंग हल्का करने में मदद करता है. इसके अलावा, यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है.
यह कैसे काम करता है?
ग्लूटाथियोन एंजाइम टायरोसिनेस को रोकता है, जो मेलेनिन के उत्पादन के लिए ज़िम्मेदार है, वर्णक जो त्वचा का रंग गहरा करता है. इससे त्वचा में चमक आ सकती है.
अनुसंधान क्या कहता है?
कोरियन जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस (2012) में एक अध्ययन में पाया गया कि ग्लूटाथियोन का उपयोग करने वाले लोगों की त्वचा बेहतर थी, लेकिन प्रभाव स्थायी नहीं था. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी (2017) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 30 लोगों के अध्ययन में ग्लूटाथियोन की गोलियों से त्वचा के रंग में थोड़ा सुधार हुआ. हालाँकि, कुछ लोगों ने इसके साइड इफेक्ट्स जैसे पेट दर्द और रैशेज की भी शिकायत की है.
ग्लूटाथियोन का ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है?
ग्लूटाथियोन के टैबलेट और कैप्सूल दोनो आते हैं और डॉक्टर्स इसकी डोज मरीज के हिसाब से तय करते हैं. यह ग्लूटाथियोन का सबसे आम रूप है. लेकिन लंबे समय तक इस्तेमाल से लीवर खराब होने का भी खतरा होता है. इसके अलावा डॉक्टर्स इंजेक्शन की मदद भी लेते हैं. त्वचा को गोरा करने के लिए ग्लूटाथियोन इंजेक्शन का उपयोग तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. लेकिन ओवर द काउंटर यानी खुद से दवा लेना जानलेवा भी हो सकता है.
हालांकि, डॉक्टर की सलाह के बिना इसका इस्तेमाल खतरनाक है. ग्लूटाथियोन आधारित उत्पाद सीधे त्वचा पर लगाए जाते हैं. इसका मतलब है कि आप लोशन और क्रीम लगा सकते हैं.
सावधानियां एवं दुष्प्रभाव भी जान लें
यह त्वचा को डिटॉक्सीफाई करता है और उम्र बढ़ने के लक्षणों को धीमा करता है. अगर इसके साइड इफेक्ट्स की बात करें तो इससे पेट दर्द, सिरदर्द, त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं और लंबे समय तक इस्तेमाल से लिवर और किडनी पर असर पड़ता है.
क्या कहते है डर्मेटोलॉजिस्ट साइंस
इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट (आईएडीवीएल) के अनुसार, ग्लूटाथियोन के प्रभाव और सुरक्षा पर अपर्याप्त शोध है. इसका उपयोग केवल विशेषज्ञ की देखरेख में ही किया जाना चाहिए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स से संपर्क करें.)
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