भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ अपनी सुनवाई को लेकर सुर्खियों में हैं. वे देश में हो रही कई घटनाओं पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. वह 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे. CJI चंद्रचूड़ की निजी जिंदगी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. हाल ही में, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी पालक बेटियों के सामने आने वाली चुनौतियों को साझा किया, जो नेमालाइन मायोपैथी नामक एक दुर्लभ जन्मजात विकार से जूझ रही हैं. चंद्रचूड़ की दो बेटियां हैं और दोनों को ही बेहद दुर्लभ बीमारी है. यह रोग क्या है? समाधान कैसे बनाये जाते हैं? आइए विस्तार से जानते हैं.
'नेमालिन मायोपैथी' बीमारी से जूझ रहीं बेटियां
चंद्रचूड़ की दोनों बेटियों को 'नेमालिन मायोपैथी' नामक दुर्लभ जन्मजात विकार है. इससे मरीज की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है. इससे मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है. जिसके बाद मरीज को सांस लेने और खाने में दिक्कत होने लगती है. ऐसा अनुमान है कि 50,000 लोगों में से एक व्यक्ति नेमालिन मायोपैथी से पीड़ित है.
दुर्लभ मांसपेशी विकार बहुत चुनौतीपूर्ण
इस विकार के कारण चंद्रचूड़ के परिवार को बड़ी भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. लड़कियों को भी बहुत तकलीफ होती है. बायोप्सी जैसे डायग्नोसिस के दौरान लड़कियों को काफी दर्द होता है. फिलहाल इस बीमारी का कोई निश्चित इलाज नहीं है. हालाँकि, फिजियोथेरेपी और श्वास-आधारित उपचार विकार को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं.
'नेमालिन मायोपैथी' क्या है?
न्यूरोसर्जन डॉ. राकेश सिंह बताते हैं कि 'नेमालिन मायोपैथी' एक दुर्लभ आनुवंशिक मांसपेशी विकार है. जिसमें मांसपेशीय तंतुओं के अंदर एक धागे जैसी संरचना होती है. जो आपके चलने और काम करने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. यह कई प्रकार के जीन उत्परिवर्तन के कारण होता है. मांसपेशियों की कमजोरी की गंभीरता के अनुसार इसे 6 प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है.
इस दुर्लभ बीमारी के निदान के लिए मरीज के आनुवंशिक उत्परिवर्तन को समझना महत्वपूर्ण है. क्या मरीज के पिता, दादा में से किसी को यह बीमारी थी? रोग की गंभीरता पृष्ठभूमि की जानकारी से ली जाती है. रोग का सबसे गंभीर रूप महत्वपूर्ण मांसपेशियों में कमजोरी और सांस लेने में कठिनाई है.
इनमें से कई मामलों में मरीज की मौत भी हो सकती है. पहली नज़र में, यह एक हल्की बीमारी है जो जीवन के लिए खतरा नहीं है. लेकिन मरीज के शरीर की मांसपेशियां कमजोर हो जाने के बाद उसका बचना मुश्किल हो जाता है. मरीजों की दैनिक जीवन की सामान्य गतिविधियां नकारात्मक रूप से प्रभावित होती हैं.
निदान में क्या कठिनाइयां हैं?
नेमलाइन मायोपैथी के निदान में कई कठिनाइयाँ हैं. यह रोग एक दुर्लभ मांसपेशी विकार है. अगर इस बीमारी का पता देर से चले तो यह मरीज के लिए घातक हो सकती है. इसका निदान करने के लिए बायोप्सी की आवश्यकता होती है. इसके लिए डॉक्टरों को बेहद सावधान रहना होगा.
'नेमालिन मायोपैथी' का इलाज क्या है?
'नेमलाइन मायोपैथी' का वर्तमान में कोई सिद्ध इलाज नहीं है. हालांकि, इस संबंध में वैज्ञानिकों का शोध जारी है. हालाँकि, फिजियोथेरेपी और मांसपेशियों को मजबूत बनाने जैसी सहायक देखभाल से राहत मिल सकती है. कुछ दवाएं निश्चित रूप से आनुवंशिक उत्परिवर्तन को लक्षित करती हैं, लेकिन इस दुर्लभ बीमारी के लिए यह पर्याप्त नहीं है.
आप मरीज की देखभाल कैसे करेंगे?
फिजियोथेरेपिस्ट मरीज के हाथ और पैरों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. पल्मोनोलॉजिस्ट यह सुनिश्चित करता है कि मरीज को सांस लेने में कठिनाई न हो. ऐसे रोगियों को भावनात्मक रूप से कमजोर महसूस करने से रोकने के लिए परिवार से भावनात्मक समर्थन भी बहुत महत्वपूर्ण है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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