डीएनए हिंदी: झूठ बोलना सबसे आम पर्सनालिटी ट्रेट्स में एक है. कई लोगों के लिए यह जिंदगी के हिस्से की तरह होता है. हिस्सा बन गया है. कभी ना कभी हमने भी अपने जीवन में झूठ (Why people lie) का सहारा लिया होगा. भले ही बड़े बुजुर्ग अपने बच्चों को समझाते हैं कि झूठ बोलना पाप है, लेकिन यही झूठ आज का सबसे बड़ा हथियार बन चुका है. लेकिन क्या आपको पता है कि झूठ आखिर क्यों बोला जाता है और इसके पीछे क्या वैज्ञानिक कारण है? अगर नहीं तो आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं. बता दें कि कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के सामाजिक मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर बेला डे पॉलो ने अपने शोध में स्पष्ट किया है कि इंसान कितना और क्यों बोलता है.
147 युवाओं के साथ किए गए एक शोध में डॉक्टर पॉलो और उनकी टीम ने यह बताया है कि औसतन व्यक्ति दिन में 1 से 2 बार झूठ (Lie) जरूर बोलता है. लेकिन इनमें से अधिकतर झूठ किसी को नुकसान पहुंचाने वाले नहीं होते हैं. बल्कि उनका उद्देश्य अपनी कमियां छुपाना या दूसरों की भावनाओं को ठेस ना पहुंचाना होता है. कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने बड़े-बड़े झूठ का भी सहारा गया है जैसे- बाहर के रिश्ते को छुपाना या उसके बारे में झूठ बोलना इत्यादि.
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'नेशनल ज्योग्राफिक' की टीम जब झूठ के विज्ञान के पीछे छिपे राज को जानने की कोशिश कर रही थी तब यह सामने आया कि झूठ का सहारा इंसान बहुत लंबे समय से लेता रहा है. यह अब उसके डीएनए का हिस्सा बन गया है. शोध बताती है कि भाषा की उत्पत्ति के कुछ समय बाद ही झूठ बोलना हमारे व्यवहार का हिस्सा बन गया था.
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