डीएनए हिंदीः हर साल 11 फरवरी को विश्व बीमार दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन की शुरुआत पोप जॉन पॉल द्वितीय (Pope John Paul II) ने की थी. विश्व बीमार दिवस पीड़ित लोगों के लिए प्रार्थना और उनकी देखभाल करने के मकसद से मनाया जाता है. 11 फरवरी के ही दिन लेडी ऑफ लूर्डेस का भी पर्व मनाया जाता है. पहला विश्व बीमार दिवस 1993 में मनाया गया था.
इस साल की थीम दयालु बनने की है
इस साल विश्व बीमारी दिवस की थीम “दयावान बने रहें क्योंकि परपिता परमेश्वर भी दयालु है”. हर साल इस दिन की एक खास थीम होती है. थीम का उद्देश्य बीमारों की सेवा और देखभाल के प्रति भावना जगाने की होती है.
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कैसे हुई थी शुरुआत
1991 में पोप जॉन पॉल द्वितीय में पार्किंसंस नाम के रोग के लक्षण दिखाई दिए थे. इसके बाद 1992 में उन्होंने लोगों से बीमार व्यक्तियों की देखभाल और प्रार्थना करने का आग्रह करते हुए एक दिन समर्पित करने की बात कही थी. उनका इस दिन के पीछे का मकसद बीमार लोगों के लिए दुआ करना और उनके दुखों को समझना था.
1993 में हुई थी शुरुआत
11 फरवरी 1993 मे पहली बार विश्व बीमार दिवस मनाया गया था. इस दिन के लिए 11 फरवरी को इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन लेडी ऑफ लूर्डेस का भी पर्व मनाया जाता है. यह दिन दुनिया भर में बीमार लोगों के लिए प्रार्थना करने का उद्देश्य रखता है. 2005 में विश्व बीमार दिवस का महत्व और बढ़ गया क्योंकि पोप की मृत्यु इसी साल 2 अप्रैल को हुई थी.
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