डीएनए हिंदी: चरणजीत सिंह 1964 टोक्यो ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान थे. 91 साल की उम्र में उन्होंने हिमाचल प्रदेश के ऊना में आज आखिरी सांस ली. हॉकी इंडिया की ओर से इस दिग्गज खिलाड़ी के निधन पर ट्वीट कर शोक जताया गया है. सिंह को आज हार्ट अटैक आया जिसके बाद उनका निधन हो गया.
2 बार ओलिंपिक पदक विजेता टीम में रहे
चरणजीत सिंह को दुनिया के बेहतरीन हाफबैक खिलाड़ियों में गिना जाता है. वह 1960 के रोम ओलंपिक में सिल्वर जीतने वाली टीम के भी सदस्य थे. 1964 टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम के वह कप्तान थे. हॉकी से संन्यास लेने के बाद वह शिक्षण के पेशे से जुड़ गए थे. उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में शारीरिक शिक्षा विभाग में बतौर निदेशक अपनी सेवाएं दी थी.
On behalf of Hockey India, we mourn the loss of a great figure of Indian Hockey, Shri Charanjit Singh.
— Hockey India (@TheHockeyIndia) January 27, 2022
May his soul Rest in Peace🙏 pic.twitter.com/PTb38lHDS6
पाकिस्तान से लिया था हार का बदला
1960 सिल्वर मेडल विजेता टीम के सदस्य रहे चरणजीत सिंह फाइनल मैच नहीं खेल पाए थे. उस साल फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था. भारत वह मैच हार गया था और सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा. इसके बाद 1964 में वह बतौर कप्तान खेले थे. 1964 ओलंपिक में भी भारत और पाकिस्तान के बीच ही फाइनल मुकाबला था और इसमें भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी.
हाफबैक के सबसे दिग्गज खिलाड़ी थे सिंह
चरणजीत सिंह हॉकी की दुनिया के नायाब खिलाड़ियों में से थे. उन्हें हाफबैक का करिश्माई खिलाड़ी माना जाता था. हॉकी इंडिया ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है कि सालों तक और कई पीढ़ियों को इस करिश्माई हाफबैक खिलाड़ी ने प्रोत्साहित किया है.
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