डीएनए हिंदी: सर्दियों का मौसम चल रहा है. ऐसे में कई लोगों खासकर बुजुर्गों को ज्यादा ठंड महसूस होती है. इससे बचने के लिए वे रूम हीटर (Room Heater) का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि इससे आप सर्दी से तो बच जाते हैं लेकिन जाने अंजाने में कई सारी बीमारियों को न्योता दे देते हैं.
दरअसल बाजार में कई तरह के हीटर मिलते हैं और उनके काम करने का तरीका भी अलग-अलग होता है. इनमें से ज्यादातर हीटर्स के अंदर लाल-गर्म धातु की छड़ें या सिरेमिक कोर होती हैं. ये कमरे के तापमान को बढ़ाने के लिए गर्म हवा बाहर निकालती हैं. ये हवा बेहद शुष्क होती होती है जो नमी सोखने के साथ-साथ कमरे के अंदर की ऑक्सीजन को भी जला देती है.
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इसके अलावा हीटर से निकले वाली हवा आपकि स्किन को बेहद रूखा भी कर देती है. अधिक समय तक हीटर के सामने रहने से आंखें भी सूखने लगती हैं जिससे न सिर्फ आंखों में इरिटेशन होती है बल्कि संक्रमण की भी संभावना हो सकती है. ऐसे में बार-बार आंखों को हाथ से छूने पर कंजक्टिवाइटिस की समस्या हो सकती है.
आस्थमा के मरीजों के लिए रूम हीटर बेहद नुकसानकारी साबित हो सकता है. हीटर की हवा से मरीजों के फेफड़ों में कफ बनने लगता है जिससे उन्हें खांसी और छींक आने लगती है. कई बार ये इतनी बढ़ जाती है कि कफ सूख जाने की स्थिति में एंटीबायोटिक्स तक लेनी पड़ती है.
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ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इस तरह की बीमारियों से बच सकते हैं. जैसे ऑयल हीटर का इस्तमाल कर आप इन बीमारियों के खतरे को थोड़ा कम कर सकते हैं या सोने से 1-2 घंटे पहले हीटर चलाकर कमरे को गर्म कर लें और बाद में उसे बन्द कर दें. इसके अलावा आप हीटर के आस पास किसी बड़े बर्तन में पानी भरकर रख सकते हैं. इससे हवा में नमी बनी रहेगी.
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