विराट कोहली इस वक्त दबाव में जरूर हैं और यह मैदान पर उनके बॉडी लैंग्वेज और प्रदर्शन दोनों पर नजर आ रहा है. जिस तरह से साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में वह डक पर आउट हुए हैं उससे उन पर दबाव साफ नजर आ रहा है. पहले टेस्ट में उन्होंने अर्धशतक जरूर लगाया लेकिन मैदान पर उनका खेल नैचुरल नहीं लग रहा है.
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दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे वनडे में विराट कोहली शून्य पर आउट होकर पवेलियन लौटे थे. उन्हें केशव महाराज ने तेम्बा बावुमा के हाथों कैच कराया. कोहली वनडे में 14वीं बार शून्य पर आउट हुए और स्पिनर ने वनडे में उन्हें पहली बार उन्हें गोल्डन डक पर आउट किया. अब तक रिकॉर्ड रहा है कि कोहली स्पिनरों के खिलाफ काफी अच्छी तकनीक से बल्लेबाजी करते हैं. गोल्डन डक ने उनके नाम कुछ और अनचाहे रिकॉर्ड भी जोड़ दिए हैं. वनडे में भारत के लिए एक से सात नंबर तक बल्लेबाजी करने वालों में कोहली शून्य पर आउट होने वालों में चौथे नंबर पर पहुंच गए हैं.
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साउथ अफ्रीका के खिलाफ दूसरे वनडे में विराट कोहली दिसंबर 2019 के बाद पहली बार वनडे में शून्य पर आउट हुए हैं. हालांकि इस बीच वह तीनों फॉर्मेट में कुल 6 बार 0 पर आउट हो चुके हैं. चार बार टेस्ट में और एक-एक बार वनडे और टी-20 में भी कोहली 0 पर पवेलियन लौट चुके हैं. कोहली के फैंस उनके अगले शतक का इंतजार कर रहे हैं. उनके आलोचक इन आंकड़ों को दोहरा रहे हैं. इन सबके बीच यह सच है कि कोहली लगातार संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. लंबी पारी खेलने वाली उनकी लय और तन्मयता अब कहीं गड़बड़ाती सी लग रही है.
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2020 से अब तक कोहली 6 बार तीनों फॉर्मैट में 0 पर आउट हो चुके हैं. इन सबके बीच एक और खराब संकेत यह है कि उन्हें 4 बार स्पिनरों ने 0 पर आउट किया है. साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी स्पिनर केशव महाराज ने ही उन्हें 0 पर आउट किया है. ऐसा लग रहा है कि स्पिनर भी अब कोहली की तकनीक समझ गए हैं.
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साउथ अफ्रीका दौरे से ठीक पहले कप्तानी विवाद हुआ था और उसका असर पूरी टीम पर किसी न किसी तरह से पड़ता दिख रहा है. मैदान पर कोहली की बॉडी लैंग्वेज भी ऐसी नहीं थी जिसे देखकर कहा जा सके कि वह पूरी तरह से आश्वस्त और दबाव मुक्त होकर खेल रहे हैं.
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विराट कोहली ने जिस तरह से टेस्ट कप्तानी से इस्तीफा दिया है उससे यह तो तय माना जा रहा है कि वह दबाव में है. मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि कोहली नई परिस्थितियों में असहज हैं. कप्तानी से हटने और अब रवि शास्त्री के कोच नहीं रहने की वजह से भी वह खुद को अलग-थलग और कटा हुआ महसूस कर रहे हैं.