डीएनए हिंदी: गर्भावस्था जहां बेहद खूबसूरत अहसास है, वहीं कई चुनौतियों से भी जुड़ी है. वर्किंग महिलाओं के लिए ये चुनौतियां और भी बढ़ जाती हैं,क्योंकि उन पर दोहरी जिम्मेदारी होती है. अगर आप भी एक कामकाजी महिला हैं और घर व दफ्तर दोनों संभालती हैं तो गर्भावस्था में कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी हो जाता है.
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किसी भी गर्भवती महिला के लिए खान-पान का ध्यान रखना बेहद अहम हो जाता है. आपने बड़े-बुजुर्गों को कहते सुना भी होगा कि होने वाली मां को अपने और बच्चे दोनों के लिए खाना होता है. हालांकि इसका मतलब ज्यादा खाने से नहीं बल्कि हेल्दी खाने से है. गर्भावस्था में एसिडिटी और गैस जैसी समस्या काफी होती है. इससे बचने के लिए जरूरी है गर्भवती महिलाएं संतुलित भोजन करें. गर्भावस्था में उपवास या भोजन के बीच लंबा अंतराल ना रखें. कच्ची सब्जियां, फल, सलाद, दही, गुड़, राजगिरा, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे, दाल, स्प्राउट्स, सोया, दूध और अंडे का सेवन फायदेमंद होता है.
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कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बहुत नींद आती है. कई को बिलकुल नींद नहीं आती. सबके गर्भावस्था के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन तथ्य ये है कि इस दौरान अच्छी और पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है. नींद की कमी होने वाली मां और बच्चे दोनों की सेहत पर असर कर सकती है. वर्किंग महिलाओं के लिए इसे लेकर और भी सतर्क होने की जरूरत है. जानकार बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान अनिद्रा जैसे नींद संबंधित विकार स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं. इनमें उच्च रक्तचाप, प्रीक्लेम्पसिया, मधुमेह, समय से पहले जन्म, भ्रूण वृद्धि विकार शामिल जैसे खतरे भी शामिल हैं. सभी गर्भवती महिलाओं के लिए सात से नौ घंटे की अच्छी नींद जरूरी है, खासकर उनके लिए जो लगभग 8-9 घंटे दफ्तर के काम में व्यस्त रहती हैं. ये भी ध्यान रखें कि गर्भवती महिलाओं को अपनी बाई ओर सोना चाहिए. पीठ के बल सोने से गर्भाशय में रक्त का प्रवाह कम हो सकता है, जो खतरनाक है.
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गर्भावस्था के दौरान ऑफिस और उसका माहौल आपको असहज कर सकता है. नतीजतन, गर्भावस्था में बार-बार होने वाली असुविधाओं को कम करने के लिए आरामदायक कपड़ों का चयन करें. ऐसे कपडे़ पहनें जिसे पहनकर सांस लेने और ऑफिस में चलने-फिरने में कोई समस्या ना हो. ऊंची हील और मुलायम कपड़े पहनने से बचना चाहिए.
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गर्भावस्था के दौरान वर्किंग महिलाओं की बैठने की जगह का आरामदायक होना बहुत जरूरी है. पीठ और गर्दन के दर्द से बचने के लिए आप कुर्सी पर तकिए को रख सकते हैं. कंप्यूटर पर काम करते समय अपने हाथों को आर्मरेस्ट पर रखें और कंप्यूटर से थोड़ी दूरी बनाकर रखें। छोटे-छोटे ब्रेक लें, जैसे उठना और कुछ मिनटों के लिए घूमना, ऐसा करने से अधिक ऊर्जावान महसूस होता है. आप कुछ मिनटों के लिए लाइट और अपनी आंखें बंद करके, अपने पैरों को ऊपर रखकर भी थकावट से बच सकते हैं.
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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बिना रुके काम करने से बचना चाहिए, इसलिए ब्रेक लें. टहलकर ताजी हवा लें. गहरी सांस लेने से भी बहुत मदद मिलती है. ऐसा करने से ब्लड फ्लो बढ़ेगा और एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्या से बचने में मदद मिलेगी. लगातार बैठने से पीठ दर्द, हाथ और पैर में अकड़न हो सकती है.
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काम करते समय फिट और सक्रिय रहने के कुछ सरल हैं- 1. हर घंटे, 5 मिनट के लिए टहलें. 2. अपने डेस्क पर बैठे हुए अपनी बांहों को धीरे से फैलाएं, अपनी कुर्सी को शिफ्ट करें और अपने पैरों को आवश्यकतानुसार फैलाएं. 3. कम से कम 2-4 मिनट के लिए गहरी सांस लेने का अभ्यास करें.