29 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. तुरंत प्रभाव से रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि वह परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं. क्रिकेट साउथ अफ्रीका ने इसकी जानकारी ट्विटर पर साझा की. प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाला यह विकेटकीपर बल्लेबाज मैदान पर और मैदान के बाहर ज्यादातर खामोशी से जीवन जीते हैं. देखें उनके टेस्ट करियर की झलक.
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साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक ने सेंचुरियन टेस्ट में हार के बाद तत्काल प्रभाव से टेस्ट क्रिकेट छोड़ने का ऐलान किया है. भारत के खिलाफ सेंचुरियन टेस्ट की दोनों ही पारियों में उनका बल्ला नहीं चला.
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संन्यास के फैसले पर उन्होंने कहा कि इस फैसले को लेने में मुझे ज्यादा परेशानी नहीं हुई. उन्होंने कहा, 'साशा और मैं जल्द ही अपने पहले बच्चे को वेलकम करने वाले हैं. जीवन का यह चैप्टर बहुत रोमांचक होगा. इसलिए, मैंने फैसला किया है कि मैं टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलूंगा और परिवार को ज्यादा वक्त दूंगा'
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ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन में सांकेतिक तौर पर घुटनों के बल बैठने से उन्होंने इनकार कर दिया था. इसकी वजह से उन्हें टी-20 वर्ल्ड कप में टीम से बाहर भी कर दिया गया. उन्होंने कहा था कि वह इस मुहिम के साथ हैं लेकिन घुटनों के बल बैठना महज टोकन जैसा है. हालांकि, बाद में उन्होंने अपने व्यवहार के लिए माफी मांग ली थी और बाकी के मैच में खेले थे.
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29 साल के डिकॉक का टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन अच्छा रहा है. उन्होंने 54 टेस्ट खेले जिनमें 6 शतक और 22 अर्धशतक लगाए. इसके अलावा, बतौर विकेटकीपर 221 कैच लपके हैं और 11 स्टंपिंग की.
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क्विंटन डी कॉक ने IPL में मुंबई इंडियंस की टीम की ओर से अच्छा प्रदर्शन किया है. मैदान हो या मैदान के बाहर उन्हें विवादों से दूर रहने वाला खामोश तबीयत का इंसान माना जाता है. डीकॉक की लोकप्रियता उनके संयमित व्यवहार और अनुशासित खेल की वजह से है.