रोहित शर्मा के अनफिट रहने की वजह से केएल राहुल साउथ अफ्रीका में टीम इंडिया की वनडे में कप्तानी करेंगे. राहुल इससे पहले आईपीएल में KXIP की भी कप्तानी कर चुके हैं. कर्नाटक के इस टैलेंटेड बल्लेबाज को बहुत से लोग टेस्ट टीम कैप्टन का दावेदार भी मान रहे हैं. कप्तानी करने की इच्छा के बारे में भी उन्होंने खुलकर अपनी राय रखी है. खैर, राहुल को टेस्ट टीम का कप्तान दावेदार माने जाने की पीछे कई ठोस वजहें हैं.
केएल राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर उन्हें टेस्ट कप्तान बनाया जाता है, तो यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी होगी. उन्होंने कहा, 'मैंने अभी इस बारे में नहीं सोचा है. अभी तक सिर्फ खबरें और आर्टिकल ही छप रहे हैं. मुझे जोहान्सबर्ग में टेस्ट टीम की कप्तानी करने का मौका मिला था. मैं कह सकता हूं कि यह अनुभव मेरे लिए यादगार था. यह मेरे लिए सीखने का बहुत अच्छा अनुभव था. अपनी इस उपलब्धि पर मुझे हमेशा गर्व रहेगा.'
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केएल राहुल पिछले 2 साल से बेहतर लय में नजर आ रहे हैं. साउथ अफ्रीका दौरे पर भी उन्होंने उम्दा शतक जमाया है. उनके प्रदर्शन को देखते हुए बहुत से पूर्व क्रिकेटर उन्हें टेस्ट कप्तानी दिए जाने के पक्ष में हैं. इसके अलावा, उनके पास घरेलू स्तर पर कप्तानी का अनुभव भी है. उन्होंने IPL में KXIP के लिए कप्तानी की है.
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केएल राहुल के पक्ष में एक और बात जाती है कोच राहुल द्रविड़ के साथ उनकी पुरानी और जबरदस्त बॉन्डिंग. राहुल द्रविड़ के गाइडेंस में केएल राहुल को खेलने का अनुभव है. दोनों ही बेंगलुरु से आते हैं और दोनों की मैदान के अंदर और बाहर मानसिकता एक जैसी है. विराट कोहली की आक्रामकता राहुल द्रविड़ की कोचिंग शैली के लिहाज से एक मिसमैच है. दूसरी ओर, केएल राहुल का ठहराव और राहुल द्रविड़ की समझदारी टीम इंडिया को बेहतर दिशा दे सकती है.
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टेस्ट की कप्तानी के लिए राहुल द्रविड़ को इसलिए भी मजबूत दावेदार माना जा रहा है क्योंकि वह किसी गुटबाजी से दूर हैं. विराट कोहली के साथ कई सीनियर खिलाड़ियों, जैसे कि अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, आर अश्विन के विवाद की बातें आती रही थीं. राहुल इस वक्त तटस्थ हैं और हर खेमेबाजी से दूर हैं. उनकी बोर्ड या चयनकर्ताओं से प्रोफेशनल संबंध भर हैं लेकिन किसी से नाराजगी या नापसंदगी भी नहीं है. ऐसे में टीम के बिखराव और टूट को संभालने के लिए उन्हें शायद बोर्ड और चयनकर्ता एक बड़ी जिम्मेवारी सौंप सकते हैं.
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इस वक्त ज्यादातर टीमे टेस्ट के लिए अलग और वनडे-टी-20 के लिए एक कप्तान रखने के फॉर्मैट पर विचार कर रही हैं. ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका जैसे देशों ने इसे अपनाया भी है. भारत में भी कुंबले को टेस्ट कप्तान बनाया गया था. इसके पीछे तर्क है कि किसी एक खिलाड़ी पर अतिरिक्त दबाव नहीं रहता है. ऐसे में रोहित के दबाव को कम करने के लिए उन्हें मौका दिया जा सकता है. दूसरी ओर एक खेमा ऋषभ पंत को मौका देने के पक्ष में है. पंत की तुलना में राहुल ज्यादा परिपक्व और अनुभवी हैं. जाहिर है कि राहुल का पलड़ा इस लिहाज से भारी है.