अजय जडेजा एक दौर में भारत ही नहीं दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर में शुमार थे. 1 फरवरी को आज वह अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं. मैच फिक्सिंग विवाद के बाद जडेजा पर बैन लग गया था लेकिन बाद में उन्होंने घरेलू क्रिकेट में वापसी की थी. क्रिकेट के बाद उन्होंने फिल्मों की दुनिया में भी हाथ आजमाया लेकिन वहां वह कुछ कमाल नहीं कर सके. अब वह लंबे समय से क्रिकेट कॉमेंटेटर के तौर पर अक्सर टीवी पर नजर आते हैं. जानें जडेजा के रिकॉर्ड, विवाद और अफेयर.
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अजय जडेजा टीम इंडिया के सबसे तेज-तर्रार ऑलराउंड में से एक थे. अपने क्रिकेटिंग करियर में उन्होंने भारत के लिए 15 टेस्ट और 196 वनडे खेले थे. उन्होंने वनडे में 6 शतक भी लगाए हैं. उनकी सबसे यादगार पारी आज भी बेंगलुरु में पाकिस्तान के खिलाफ 25 गेंद में खेली तूफानी 45 रनों की पारी है. इसी तरह वनडे में शारजाह में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 1 ही ओवर में 3 विकेट चटकाए थे. जडेजा उस दौर के अच्छे फील्डरों में भी शुमार थे.
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अजय जडेजा का नाम मैच फिक्सिंग में उस वक्त आया था जब वह क्रिकेट के बेहतरीन फॉर्म में थे. इस विवाद के बाद उन पर 5 साल का बैन भी लगाया गया था. बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने यह बैन हटा दिया था और साल 2003 में जडेजा ने घरेलू क्रिकेट में वापसी की थी. कमबैक के बाद वह ज्यादा सफल नहीं रहे और उन्होंने क्रिकेट कॉमेंटेटर बनना चुन लिया.
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अजय जडेजा की इमेज मैदान के बाहर प्लेबॉय सरीखी थी. वह काफी स्टाइलिश लाइफ जीते थे. 1999-2000 के दौर में उनकी और माधुरी दीक्षित के अफेयर के चर्चे छाए हुए थे. मैच फिक्सिंग स्कैंडल के बाद यह रिश्ता और आगे बढ़ने से पहले ही टूट गया और बाद में उन्होंने राजनेता जया जेटली की बेटी अदिति जेटली से शादी कर ली.
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अजय जडेजा ने अपनी किस्मत फिल्मों में भी आजमाई थी लेकिन वह कुछ कमाल नहीं कर सके. उन्होंने सन्नी देओल और सुनील शेट्टी के साथ खेल फिल्म में एक्टिंग की थी. यह फिल्म बुरी तरह से पिट गई थी और जडेजा का फिल्मी करियर रफ्तार पकड़ने से पहले ही दम तोड़ गया. बाद में उन्होंने झलक दिखला जा डांस शो के पहले सीजन में भी हिस्सा लिया था.
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अजय जडेजा गुजरात के नवानगर राजघराने से आते हैं. उनके परिवार का राजनीति और क्रिकेट दोनों से ही पुराना ताल्लुक रहा है. अजय जडेजा के पिता दौलतसिंह जडेजा कांग्रेस के टिकट से 1971, 1980 और 1984 में जामनगर से सांसद रह चुके हैं. रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी का नाम भी उनके परिवार के सदस्यों के. एस. रंजीतसिंहजी और दलीप सिंह के नाम पर रखा गया है.