दुनियाभर में तेजी से एक बार फिर कोविड (Covid-19) के मामले बढ़ रहे हैं. चीन, अमेरिका और यूरोप के कुछ शहरों में बेहद तेजी से संक्रमण फैल रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि कोविड की नई लहर के पीछे ओमिक्रोन का सब वेरिएंट बीए.2 (BA.2) जिम्मेदार है. नए वेरिएंट को स्टील्थ ओमिक्रोन (Stealth Omicron) कहा जा रहा है. स्टील्थ ओमिक्रोन का तेजी से फैलना हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ा रहा है. दुनियाभर में इसके मामले बढ़ने की वजह से भारत भी चिंतित है. लोग जानना चाह रहे हैं कि यह वेरिएंट कितना खतरनाक है और इसका क्या असर भारत पर पड़ सकता है.
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स्टील्थ ओमिक्रोन का असर अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों में भी देखने को मिल रहा है. चीन में भी लगातार मामले बढ़ रहे हैं. नवंबर 2021 में पहली बार ओमिक्रोन वेरिएंट की पहचान बड़े स्तर पर हुई थी. कोविड के इस वेरिएंट में 20 से ज्यादा म्युटेशन थे. अब ओमिक्रोन में भी म्युटेशन की बात सामने आ रही है.
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ओमिक्रोन के नए वेरिएंट बीए.2 को स्टील्थ ओमिक्रोन कहा जा रहा है. स्टील्थ ओमिक्रोन से संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर पाना मुश्किल है. वैज्ञानिकों को मुताबिक इसे डिटेक्ट करना बेहद मुश्किल है. स्टील्थ ओमिक्रोन के स्पाइक प्रोटीन में कुछ लक्षण गैरमौजूद हैं. यही वजह है कि कोविड के इस वेरिएंट से संक्रमित लोगों के सैंपल को पीसीआर टेस्ट भी डिटेक्ट नहीं कर पा रहा है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कहा है कि BA.2 वेरिएंट, अपने मूल ओमिक्रोन वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक हो सकता है. WHO ने दुनिया से अपील की है कि स्वास्थ्य अधिकारी ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करें. अब तक के अध्ययनों से यह बात साफ हुई है कि अगर कोई बीए.1 वन से संक्रमित हुआ तो उसमें बीए.2 के खिलाफ प्रतिरक्षा बन जाती है.
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WHO के मुताबिक बीए.2 वेरिएंट, मुख्य रूप से ऊपरी श्वसन पथ को प्रभावित करता है, न कि फेफड़ों को. नए वेरिएंट से संक्रमित लोगों का स्वाद जा सकता है. उनकी सूंघने की क्षमता प्रभावित हुई है. लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ नहीं हो रही है, यही वजह है कि इसे पहचानना भी मुश्किल है. नए वेरिएंट के प्रमुख लक्षणों में मुख्य रूप से चक्कर आना और थकावट के साथ बुखार का आना है. खांसी, गले में खराश, मांसपेशियों में थकान, ठंड लगना और हार्ट बीट का बढ़ जाना है. ऐसे लक्षण आमतौर पर संक्रमण के दो से तीन दिनों के भीतर दिखाई देते हैं.
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स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में इस वेरिएंट का असर कम हो सकता है. बीए.2 वेरिएंट ने भले ही दुनिया को चिंता में डाल दिया है लेकिन भारत में इस वेरिएंट के खिलाफ हाइब्रिड इम्युनिटी बन गई है. कोविड-19 के अलग-अलग वेरिएंट से भारतीय संक्रिमत हो चुके हैं. युद्धस्तर पर वैक्सीनेशन अभियान भी चलाए गए हैं. चीन जैसे देशों में यह खतरनाक इसलिए हुआ है क्योंकि वहां एक खास आयु-वर्ग में वैक्सीनेशन की रफ्तार सुस्त रही है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के कई देशों से अपील की है कि कोविड टेस्टिंग रेट बढ़ाई जाए और नए कोविड के बढ़ते खतरों को नजरअंदाज न किया जाए. भारत ने भी, एक एहतियाती चेतावनी जारी की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 'टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और COVID-19 प्रोटोकॉल' की पांच स्तरीय रणनीति का पालन करने को कहा है. ऐसी स्थिति में भारत की सक्रियता एक बड़े खतरे को टाल सकती है.