हर साल मंदिरों से 8 करोड़ टन के करीब वेस्ट इक्ट्ठा होता है. मान्यता के मुताबिक इसे नदी और तालाबों में प्रवाहित कर दिया जाता है. इसे देखकर ही आकाश सिंह को पर्यावरण संरक्षण का आइडिया आया और उन्होंने मंदिर में जलने वाली धूप-अगरबत्ती की राख से हैंडीक्राफ्ट बनाना शुरू कर दिया. आज वह इसके जरिए कई कैदियों को भी रोजगार दे रहे हैं. जानिए कैसे शुरू किया उन्होंने ये खास सफर
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1604_YB_DNA_Ashes_VIDEO
Language
Hindi
Section Hindi
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Video: धूप-अगरबत्ती की राख से खूबसूरत मूर्तियां बनाने की कहानी, यंग चेंजमेकर आकाश सिंह से मुलाकात
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00:04:50
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Video: Conversation with Young Changemaker Akash Singh
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