डीएनए हिंदी: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Chandigarh High Court) ने कहा है कि 15 साल से अधिक उम्र की मुस्लिम लड़की (Muslim Girl) अपनी पसंद से किसी भी व्यक्ति से शादी (Marriage) कर सकती है. उसकी यह शादी वैध मानी जाएगी. हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को यह फैसला सुनाया. साथ ही इस मामले में 16 साल की एक लड़की को अपने पति के साथ रहने की इजाजत भी दे दी.
जस्टिस विकास बहल की बेंच ने जावेद नाम के शख्स की याचिका पर सुनवाई की. जिसमें उसने 16 साल की अपनी पत्नी के साथ रहने की अनुमति देने का आग्रह किया था. लड़की को हरियाणा के पंचकूला में एक बाल गृह में रखा गया है. याचिकाकर्ता ने कहा था कि उसकी शादी के समय उसकी पत्नी की उम्र 16 साल से अधिक थी और यह शादी उनकी मर्जी से और बिना किसी दबाव के हुई थी.
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पति-पत्नी ने साथ रहने की मांगी थी अनुमति
जावेद ने अपने वकील के माध्यम से कहा था कि दोनों मुसलमान हैं और उन्होंने 27 जुलाई को मुस्लिम रीति रिवाज से मनी माजरा की एक मस्जिद में ‘निकाह’ किया था. याचिकाकर्ता के वकील ने यूनुस खान बनाम हरियाणा राज्य मामले में उच्च न्यायालय की समन्वय पीठ के फैसले पर भरोसा करते हुए दलील दी कि लड़की को याचिकाकर्ता के साथ रहने की अनुमति दी जानी चाहिए.
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15 साल से ज्यादा की लड़की कर सकती है शादी
हालांकि, राज्य के वकील ने याचिका का विरोध किया और कहा कि वह नाबालिग है, इसलिए उसे आशियाना होम में रखा जा रहा है. राज्य के वकील ने याचिका खारिज करने की गुहार लगाई थी. लेकिन हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जिस लड़की ने 15 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है, वह अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने के लिए हकदार है.
(PTI इनपुट के साथ)
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15 साल की मुस्लिम लड़की भी कर सकती है शादी, हाई कोर्ट के फैसले ने चौंकाया