डीएनए हिन्दी: एक तरफ हम 5 ट्रिलियन इकोनॉमी की बात कर रहे हैं दूसरी तरफ बुनियादी इलाज के अभाव में न जाने कितने बच्चे दम तोड़ दे रहे हैं. देश के बीमार मेडिकल सिस्टम की एक नई तस्वीर हमारे सामने आई है. यह घटना महाराष्ट्र के पालघर जिले की है.
पालघर के मोखाडा तालुका के मार्कतवादी गांव में 26 साल की एक गर्भवती महिला को समय पूर्व प्रसव पीड़ा हुई. उसे बांस के एक स्ट्रेचर पर लादकर अस्पताल ले जाया जा रहा था. लेकिन,रास्ते में ही महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया. इलाज के अभाव में दोनों नवजात ने मां के सामने दम तोड़ दिया.
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बताया जा रहा है कि इलाके में भारी बारिश की वजह से गांव में गाड़ी का आना संभव नहीं है. ऐसे में कुछ लोगों ने बांस में कपड़ा बांध कर एक अस्थायी डोलीनुमा स्ट्रेचर बनाया. उसी की मदद से महिला को मुख्य सड़क तक लेकर जा रहे थे. महिला ने रास्ते में ही बच्चों को जन्म दिया. हालांकि, उसे बाद में खोडला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन तब तक उसके दोनों नवजात दम तोड़ चुके थे.
डॉक्टरों का कहना था कि अगर महिला को समय रहते इलाज की सुविधा मिल जाती तो दोनों बच्चों को बचाया जा सकता था. हालांकि, अब महिला का स्वास्थ्य स्थिर है.
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डॉक्टर का कहना है कि आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा 8वें या 9वें महीने में होती है, लेकिन यह समय से पूर्व प्रसव का मामला था. ऐसे में बच्चे भी कमजोर पैदा हुए थे. खोडला के डॉक्टरों का कहना है कि गांव की खराब सड़क को लेकर पिछले हफ्ते शिकायत भी की गई थी.
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देश के 'बीमार मेडिकल सिस्टम' की दर्दनाक तस्वीर: जन्म लेते ही मां के सामने जुड़वां बच्चों ने तोड़ा दम