डीएनए हिन्दी: तमिलनाडु के कोयंबटूर पुलिस ने झारखंड के मूल निवासियों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो बाजारों में अचानक भीड़ पैदा कर तमिलनाडु के शहरों में लोगों को लूटता था. ये अपने साथ नाबालिग बच्चों को भी रखते थे.
गिरोह के सदस्य नाबालिग लड़कों का इस्तेमाल दुकानों में सेंध लगाने और मोबाइल फोन चोरी करने के लिए करते थे. साथ ही बाजार, मंदिर, चर्च, मस्जिद प्रदर्शनियों में जहां बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते थे वहां लोगों को लूटने का काम करते थे.
पुलिस ने गिरोह के सरगना आर. बहादुर महतो (36) को गिरफ्तार कर लिया है. झारखंड के अन्य लोगों में एल. संतोष महतो (33), एल. बाबू महतो (28) शामिल हैं, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही बिहार के भागलपुर के निवासी मनीष महोली (22) को भी गिरोह के सदस्य के तौर पर गिरफ्तार किया गया है. इन पर आईपीसी की धारा 392 (डकैती) के तहत मामला दर्ज किया गया है और इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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इसके अलावा तीन नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार कर कोयंबटूर में डॉन बॉस्को किशोर गृह भेज दिया गया है. कोयंबटूर के उप्पलम रोड पर एक सब्जी बाजार में कृत्रिम भीड़ पैदा करने के दौरान एक व्यक्ति से 1,000 रुपये लूटने के बाद गिरोह का भंडाफोड़ हुआ. पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने पीछा कर उन्हें घेर लिया और पुलिस के हवाले कर दिया.
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पूछताछ पर गिरोह के सदस्यों ने बताया कि वे बारी-बारी से फ्लाइट में सफर करते हैं और अच्छे होटलों में ठहरते हैं. वे नाबालिग लड़कों का उपयोग करके लोगों और दुकानों को लूटते हैं और एक कस्बे में 10 दिनों के बाद रहने के बाद वे स्थान बदल देते हैं. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि लूटे गए कीमती सामान को वे अपने साथ ले जाते हैं और झारखंड में अपने गृह नगर सहित अन्य जगहों पर उन वस्तुओं को बेच देते हैं. उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्होंने चेन्नई, तिरुचि, तिरुपुर और सलेम में कई लोगों को लूटा है.
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झारखंड का एक गिरोह तमिलनाडु में करता था चोरी, नाबालिग बच्चों का भी करते थे इस्तेमाल