डीएनए हिन्दी: पटना में पीएफआई (Popular Front of India) के मंसूबे उजागर होने के बाद बिहार प्रशासन चौकन्ना हो गया है. पटना के एसएसपी और बिहार के डीजीपी, दोनों के बयान सामने आए हैं. हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पटना से एसएसपी मानजीत सिंह ढिल्लों (Manavjit Singh Dhillon) का विवादित बयान सामने आया है. उन्होंने पीएफआई और आरएसएस की तुलना कर दी. मानजीत सिंह ने कहा कि जैसे आरएसएस (RSS) की शाखा में स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग दी जाती है वैसे ही पीएफआई (PFI) वाले भी ट्रेनिंग दे रहे थे.
गौरतलब है कि पटना के फुलवारीशरीफ में पीएफआई (PFI) से जुड़े 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से कुछ गोपनीय दस्तावेज मिले हैं. इस दस्तावेज में 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की बात कही गई है. यह गिरफ्तारी प्रधानमंत्री के पटना दौरे से ठीक एक दिन पहले हुई थी.
पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार तीनों लोगों की आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता उजागर हुई है. उनके पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और प्रतिबंधित झंडे बरामद हुए हैं.
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Bihar | Any organization may have frontal & underground organizations. They were meeting under cover of SDPI & PFI but may be running their own agenda. Activities were only limited to Bihar. Not sleeper cells as they are members of PFI & SDPI which are still not banned: SSP Patna pic.twitter.com/hXu4fecL4J
— ANI (@ANI) July 14, 2022
इसके अलावा मानवजीत सिंह ढिल्लों ने एक विवादित बयान भी दे दिया. उन्होंने कहा कि इन लोगों का मंसूबा था कि जैसे आरएसएस अपने लोगों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देता है वे भी अपनी संस्था से जुड़ने वालों को हथियार की ट्रेनिंग देना चाहते थे.
पटना एसएसपी के इस बयान के बाद बीजेपी भड़क गई है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि पटना एसएसपी का इस तरह से तुलना करके बयान देना मानसिक दिवालियापन है. उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर कोई संदेह है तो वह शाखा में जाए. वहां गाए जाने वाली गीतों को सुनें. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्र निर्माण करने वाली एक सांस्कृतिक संस्था है.
Disturbing details emerge from internal PFI document -'India Vision 2047'
— ANI Digital (@ani_digital) July 14, 2022
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वहीं, बिहार के डीजीपी एके सिंघल गुरुवार को बेगूसराय में थे. इस मुद्दे पर जब उनसे बात की गई तो उन्होंने कहा कि पुलिस मेहनत के साथ काफी समय लगाती है तब जाकर इस तरह के मामले उजागर हो पाते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों से डिटेल में पूछताछ की गई है. उनसे मिली जानकारी के आधार पर राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियां इस मामले में जांच कर रही हैं.
जब उनसे प्रधानमंत्री के दौरे और इस गतिविधि को जोड़ कर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है.
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गौरतलब है कि फुलवारीशरीफ के नया टोला स्थिति ट्रेनिंग कैंप में तमिलनाडु, केरल, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से लोग पहुंचते थे. इस मामले में अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 26 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने दावा किया कि जो लोग भी इस रैकेट में शामिल हैं उन सभी लोगों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और इस पूरे मॉड्यूल का पर्दाफाश होगा.
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पटना के SSP का विवादित बयान, भारत को 'इस्लामिक राष्ट्र' बनाने वालों की तुलना RSS से की