डीएनए हिन्दी: देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई बीते कुछ सालों से गड्ढों की राजधानी बनती जा रही है. बीएमसी और सरकार के लाख दावों के बावजूद भी शहर भर की सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढे देखने मिलते हैं जो लगातार लोगों की मौत का कारण बनते जा रहे हैं. मुंबई से सटे ठाणे इलाके में एक बार फिर सड़क के गड्ढे जानलेवा साबित हुए जहां एक युवा बाइक सवार को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.

मुंबईकरों के लिए मानसून, जलजमाव, खराब सड़कों और गड्ढों का समीकरण नया नहीं है लेकिन दुख तब होता है जब सरकारी तंत्र और उनकी लापरवाही अनेक जिंदगियों को तबाह कर देती हैं. राज्य सरकार के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कुछ समय पहले सदन में अपने भाषण के दौरान राज्य की जनता से वादा किया कि  आने वाले 2 सालों में सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया जाएगा. हाल फिलहाल में राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री रविंद्र चह्वान ने मुंबई गोवा महामार्ग का दौरा किया और सड़कों की स्थितियों का जायजा लिया. लेकिन, गौर करने वाली बात यह भी है कि शहर भर में सड़क के गड्ढों के कारण अपनी जान गवाने वाले लोगों की सुध लेने कोई बड़े मंत्री नहीं पहुंचे.

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बारिश के कारण अब तक राज्य भर में 120 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवाई है अकेले मुंबई में बीते कुछ महीनों में सड़क के गड्ढों ने 9 लोगों की जान ले ली है.  मुंबई ट्रैफिक पुलिस के अकड़ों के अनुसार..

2019 में 2,872 सड़क दुर्घटनाएं हुईं

2020 में 1,812 सड़क दुर्घटनाएं हुईं

2021 में 2,230 सड़क दुर्घटनाएं हुईं

2022 (जून महीने तक) में कई गुना अधिक 15,433 दुर्घटनाएं हुईं

वहीं, मौत के अकड़ों की बात करें तो

2019 में 420
2020 में 337
2021 में 376
2022 में जून महीने तक 154 लोग अपनी जान गवा चुके हैं.

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मुंबई शहर और आस पास के इलाकों में गड्ढों की वजह से इन लोगों की गई जान...

पहली घटना 5 जुलाई 2022 को हुई, जहां काजू पाड़ा, घोड़बंदर रोड पर सूफियान शेख (साइकिल सवार) की गड्ढों के कारण मौत हुई.

दूसरी घटना 16 जुलाई 2022 की है. जहां मुंबई नासिक हाइवे, खरेगांव ब्रिज पर दो पहिया वाहनों पर दो लोगों की गड्ढों के कारण मौत हुई. 

तीसरी घटना 16 जुलाई 2022 को हुई. जहां कल्याण-बदलापुर, खोनी में अंकित थैवा (साइकिल सवार) की मौत भी सड़क के गड्ढों के कारण हुई.

चौथी घटना 23 जुलाई 2022 की है. जहां मुंबई नासिक हाइवे, रजनोलि पर बृजेश कुमार जायसवाल (साइकिल सवार) ने अपनी जान गवाई.

पांचवीं घटना 7 अगस्त 2022 की है, जहां भिवंडी-वाड़ा रोड, नाड़ी नाक अशोक कबाड़ी (बाइकर) गड्ढों की बाली चढ़ गए. 

छठी घटना 16 अगस्त 2022 की है, जहां भिवंडी-वाड़ा रोड, कुडस-पालघरी में सइद पठान 40 (साइकिल सवार) की हादसे में मौत हुई.

सातवीं घटना मुंबई के वेस्टर्न एक्सप्रेस पर हुई जहां बाइक पर सवार अपने काम को निकले दंपति का खड्डों के चलते संतुलन बिगड़ा और वे दोनों भी पीछे से आ रहे डंपर ट्रक के पहियों के नीचे आ गए और मौके पर ही दम तोड़ दिया.

आठवीं घटना रविवार को 28 अगस्त की शाम थाने डीवा में हुई जहां स्कूटर सवार एक युवा का गड्ढों के कारण संतुलन बिगड़ा और वह सीधा वाटर टैंकर के पहियों के नीचे आ गया.

गड्ढों के कारण कल हुई मौत के बाद प्रशासन की और से सड़क की मरम्मत का कदम उठाया गया है, लेकिन अफसोस को बात यह है की ऐसे कदम अक्सर किसी की मौत के बाद ही उठाए जाते हैं. अगर पहले सड़कों के गड्ढों की मरम्मत की गई होती तो आज एक परिवार को अपना नवजवान बेटा नहीं खोना पड़ता. प्रशासन ने अपनी ओर से लीपा-पोती कर ली है लेकिन यह कितने दिनों तक बरकरार रहेगा यह भी एक विषय है.

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Potholes are now a major cause of death on Mumbais roads
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मुंबई की सड़कों पर गड्ढों का 'कहर', हर साल जाती है सैकड़ों लोगों की जान!
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मुंबई की सड़कों पर गड्ढों का 'कहर', हर साल जाती है सैकड़ों लोगों की जान!