डीएनए हिन्दी: बलरामपुर जिले के रघुनाथ नगर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सरना में 70 वर्षीय बुजुर्ग की मौत के बाद अंतिम संस्कार करने की तैयारी पूरी हो चुकी थी. शव को अर्थी पर रखकर श्मशान घाट भी पहुंचा दिया गया, लेकिन तभी अचानक श्मशान घाट में पुलिस पहुंची और बुजुर्ग की मौत को संदेहास्पद बताते हुए शव को पोस्टमॉर्टम कराने के लिए ले जाया गया.
बलरामपुर जिले के रघुनाथ नगर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सरना निवासी रामसुभक साहू उम्र (70) को करीब 15 दिनों से बुखार आ रहा था. इसकी जानाकरी गांव के वार्ड पंच को गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा दी गई थी. इन्होंने रामसुभक के घर जाकर देखा. उनके भतीजे को बाहर ले जाकर इलाज करने की सलाह भी दी.
17 सितंबर को एंबुलेंस द्वारा वाड्रफनगर हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए भर्ती कराया गया. जिसके बाद 18 सितंबर को रामसुभक को डॉक्टरों के द्वारा बलरामपुर रेफर कर दिया गया. लेकिन, उन्हें घर लेकर आया गया. रात को 11 बजे रामसुभक की तबीयत बेहद खराब हो गई. उन्हें गंगाजल और तुलसी दी गई, उसके कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई.
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सुबह रामसुभक के शव को श्मशान घाट अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. वहां अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी हो चुकी थी. तभी रघुनाथपुर थाना से फोन आया कि मामला संदिग्ध है और पुलिस की जांच के बाद ही आप लोग अंतिम संस्कार कीजिएगा.
SDOP वाड्रफनगर ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि जमीन विवाद के कारण बुजुर्ग की गला दबाकर हत्या की गई है. इस आरोप के बाद पुलिस ने अंतिम संस्कार पर रोक लगाई और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा.
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