डीएनए हिन्दी: बिहार के पटना में फुलवारीशरीफ आतंकी मॉड्यूल मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. पटना पुलिस से केस अपने हाथ में लेने के बाद पहली बार नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (National Investigation Agency) ने दो अलग-अलग एफआईआर (FIR) दर्ज की है. NIA की पहली एफआईआर में 26 संदिग्धों के नाम हैं. वहीं, दूसरी एफआईआर मरगूब अहमद उर्फ दानिश उर्फ ताहिर के खिलाफ दर्ज करवाई गई है. मरगूब के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उस पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने, गजवा ए हिन्द और डायरेक्टर जिहाद के नाम पर सोशल मीडिया पर ग्रुप चलाकर लोगों को देश के खिलाफ भड़काने के आरोप लगाए गए हैं.
कई जिलों में NIA की छापेमारी
ध्यान रहे कि फुलवारीशरीफ आतंकी मॉड्यूल की जांच शुरू में पटना पुलिस कर रही थी. बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद इस मामले को एनआईए ने अपने हाथ में लिया. इसी मामले में एनाआईए ने 28 जुलाई को बिहार के पटना, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, नालंदा और मधुबनी जिलों में छापेमारी की. ध्यान रहे कि बिहार पुलिस ने इस सिलसिले में कई गिरफ्तारियां की थीं और करीब 26 संदिग्धों की पहचान की थी.
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National Investigation Agency (NIA) has filed two separate FIRs in Bihar's Phulwari Sharif terror module case. First FIR is registered against 26 suspects while another named one. pic.twitter.com/p0ctdwM6og
— ANI (@ANI) July 29, 2022
एनआईए ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि कई टीमों ने पटना, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी और नालंदा जिलों में 10 ठिकानों पर छापेमारी की है. बयान में कहा गया है कि इन लोगों के राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में पीएफआई से जुड़े होने का संदेह है. ध्यान रहे कि पटना पुलिस ने 14 जुलाई को फुलवारीशरीफ इलाके में छापेमारी में भारत को 'इस्लामिक राष्ट्र' बनाने के लिए चल रहे आतंकी कैंप का खुलासा किया था.
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एनआईए ने इस मामले को यूएपीए के तहत दर्ज किया है.ध्यान रहे यूएपीए वैसे व्यक्ति या संगठन के खिलाफ लगाया जाता है, जिन पर आतंकी या उग्रवादी गतिविधि में शामिल होने का संदेह होता है. इधर इस मामले में 8 संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई है. जिसमें मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बिर मलिक, शमीम अख्तर और इलियास ताहिर उर्फ मरगूब अहमद शामिल है. NIA को अब भी 18 लोगों की तलाश है.
गौरतलब है कि पटना के फुलवारीशरीफ के नया टोला स्थिति ट्रेनिंग कैंप में पीएफआई के बैनर तले तमिलनाडु, केरल, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के मुस्लिम समुदाय के नौजवानों को ट्रेनिंग दी जाती थी. उन्हें कैंप में हथियार चलाने की भी ट्रेनिंग मिलती थी. दावा किया जा रहा है कि यह ट्रेनिंग भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए दी जा रही थी. कुछ ऐसे दस्तावेज भी मिले थे जिससे यह पता चलता है कि इनका मकसद 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना था. बिहार पुलिस और एनआईए का दावा है कि वे इस पूरे मॉड्यूल का पर्दाफाश जल्द ही करेंगे.
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'गजवा ए हिन्द' और 'इस्लामिक राष्ट्र' वाले मरगूब के खिलाफ NIA की FIR