डीएनए हिंदी: मिर्जापुर (Mirzapur) का नाम सुनते ही कालीन भैया का टेरर ध्यान आ जाता है. कालीन भैया की गुंडई की तरह ही यहां कालिया का टेरर है, जिसके नाम से ही मिर्जापुर की महिलाएं और बच्चे कांप जाते हैं. यह कालीन भैया की तरह अपने कारनामों को लेकर मशहूर तो जरूर है, लेकिन कालिया कोई आदमी नहीं मिर्जापुर का खूंखार बंदर (Kaliya Monkey) है. बंदर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. इसकी वजह बंदर का बहुत ही उत्पाति होना है. यह आए दिन महिलाओं और बच्चों को अपना शिकार बनाता था.
इस वजह से बंदर को सुनाई गई उम्र कैद की सजा
दरअसल यह मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर का है. यहां कालिया बंदर को गलत कामों और महिलाओं व बच्चों को अपना शिकार बनाने के चलते उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. मिर्जापुर का यह बंदर पिछले पांच सालों से कानपुर प्राणी उद्यान विभाग की टीम के पास पिंजरे में हैं. इसके बावजूद इसके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है. यह बंदर पहले जैसा खूंखार बना हुआ है.
शराब और मांस का शौकीन है कालिया बंदर
कानपुर प्राणी उद्यान टीम के अनुसार, इस बंदर को आज से 5 साल पूर्व मिर्जापुर से पकड़ा गया था. यहां बंदर महिलाओं को देखते ही गलत इशारे करने के साथ ही उन्हें अपना शिकार बना लेता था. बंदर छोटे बच्चों पर भी हमला करता था. यह 250 से भी ज्यादा महिलाओं और बच्चों को हमला कर उन्हें अपना शिकार बना चुका है. यह शराब और मांस खाने का शौकीन है. ऐसे में यह पिंजरे से निकलते ही फिर से आक्रमक हो सकता है.इसी के देखते हुए उद्यान विभाग ने इस बंदर को अभी और समय तक पिंजरे में रखने का ही फैसला लिया है.
इस वजह से खूंखार हुआ मिर्जापुर का कालिया बंदर
कानपुर उद्यान टीम के पशु चिकित्सक ने बताया कि कालिया बंदर के खूंखार होने की वजह उसको पहले इस तरह से पाला जाना है. कालिया बंदर को एक तांत्रिक ने रखा हुआ था. वह इसे शराब और मांस का सेवन कराता था. इसके कारण बंदर के आगे के दांत बहुत ही नुकीले हो गए है. तांत्रिक की मौत के बंदर खाने की तलाश में इधर उधर घुमने के साथ ही महिलाओं और बच्चों को अपना शिकार बनाने लगा. एक अपने दांतों से गहरे घाव देता है, जो बहुत ही घातक साबित हो सकता है. इसी को देखते हुए अभी कालिया बंदर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है, हालांकि कुछ बंदरों को आजाद भी किया गया है.
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