डीएनए हिन्दी: कानपुर हिंसा में एक नया एंगल निकलकर सामने आया है. ऐसा लग रहा है कि कानपुर हिंसा सुनियोजित थी. पुलिस को ऐसा शक है कि कानपुर हिंसा के पीछे विदेशी फंडिंग का हाथ है. गौरतलब है कि नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के विवादित बयान के बाद पिछले शुक्रवार को कानपुर में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिली थी.
पुलिस ने बताया है कि कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) के बैंक खातों की विस्तार से जांच की जाएगी. शरुआती जांच में पता चला है कि हाशमी के एक बैंक खाते में जुलाई 2019 में 3.54 करोड़ रुपये थे. पुलिस ने बताया कि ED जफर हाशमी के सभी बैंक खातों की जांच करेगी.
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कानपुर के बाबूपुरवा इलाके के एक प्राइवेट बैंक में उनके एक खाते के विवरण से पता चला कि 30 जुलाई, 2019 को उसके खाते में 3.54 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था.
विशेष जांच दल (SIT) के एक अधिकारी ने बताया कि सितंबर 2021 में खाते से 98 लाख रुपये एक साथ निकाले गए थे. खाते से कई बार ट्रांजेक्शन हुआ था और इस अकाउंट में अब भी 1.27 करोड़ रुपये मौजूद हैं.
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SIT अधिकारी ने कहा, 'पहले, हम पैसे के स्रोतों की तलाश कर रहे हैं और साथ ही यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इन पैसों का इस्तेमाल किस उद्देश्य से किया गया है. इसके अलावा, लेन-देन कानूनी था या नहीं इसकी भी जांच होगी.'सूत्रों ने बताया कि हयात के दो और बैंक खाते भी हैं, जिनसे लेन-देन भी किया गया है.
एसआईटी अधिकारी ने कहा, 'अब तक अन्य तीन खातों से पिछले तीन साल में 47.6 करोड़ रुपये का लेन-देन किया जा चुका है. अब खातों में सिर्फ 11 लाख रुपये का बैलेंस दिख रहा है. ईडी की टीमें उनसे और उनके सहयोगियों से विदेशी फंडिंग के संबंध में पूछताछ भी कर सकती हैं. ये खाते 2019 में खोले गए थे.'
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पैगंबर विवाद: क्या विदेशी फंडिंग से हुई कानपुर हिंसा? पुलिस को मिले सबूत