डीएनए हिन्दी: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद (Hyderabad) में वार्षिक गणेश विर्सजन शोभायात्रा को लेकर विवाद हो गया है. भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन 9 सितंबर को होने वाला है. सरकार और भाग्यनगर गणेश उत्सव समिति (बीजीयूएस) के बीच विवाद हो गया है. बीजीयूएस संगठन हैदराबाद के हजारों गणेश पंडालों के समन्यवय का काम करती है. संगठन ने राज्य सरकारों पर गणेश विसर्जन में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है. संगठन का कहना है कि सरकार हमारी परंपराओं के साथ खिलवाड़ कर रही है.

बीजीयूएस हुसैनसागर झील (Hussainsagar Lake) में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन करना चाहती है. ध्यान रहे कि हर साल हुसैनसागर झील में ही गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है. इस विवाद में बीजेपी भी कूद गई है. बीजेपी का कहना है कि सरकार एक समुदाय के खिलाफ भेदभाव कर रही है. हुसैनसागर झील में गणेश प्रतिमा के विसर्जन की परंपरा यहां 450 साल पुरानी है.

बीजेपी और बीजीयूएस ने हुसैनसागर झील में प्रतिमाओं के विसर्जन की अनुमति नहीं मिलने पर सभी मूर्तियों को मुख्यमंत्री आवास प्रगति भवन ले जाने की धमकी दी है.

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तेलंगाना सरकार के मंत्री श्रीनिवास यादव ने बीजेपी पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने बीजेपी पर शहर में शांति भंग करने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया है.

ध्यान रहे कि इस ग्रेटर हैदराबाद नगर नगम ने गणेश मूर्तियों के विसर्जन के लिए झीलों के किनारे 22 अस्थाई तालाब, 24 पोर्टेबल तालाब और 28 छोटे तालाब की व्यवस्था की है. विसर्जन के लिए क्रेन की व्यवस्था की गई है और साथ ही 10,000 कर्मचारियों को तैनात किया गया है.

एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि हुसैनसागर झील में प्लास्टर ऑफ पैरिस से बनी हुई मूर्तियों के विसर्जन की अनुमति नहीं दी जा सकती है. यह एक नीतिगत फैसला है. इसे लागू किया जाएगा. वहीं, इस मुद्दे पर सरकार के मंत्री श्रीनिवास यादव ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

ध्यान रहे हाई कोर्ट ने 21 जुलाई को अपने फैसले में कहा था कि हुसैनसागर झील में प्लास्टर ऑफ पैरिस से बनी मूर्तियों का विसर्जन प्रतिबंधित है. हालांकि, मिट्टी से बनी मूर्तियों को विसर्जित किया जा सकता है.

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इसके पहले बीजीयूएस के महासचिव भगवंत राव और सहित कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था. इन लोगों ने सरकार के निर्णय के विरोध में हुसैनसागर झील के पास एक बाइक रैली निकालने का फैसला लिया था. बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. भगवंत राव और उनके कार्यकर्ता अब अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

राव का कहना है कि एक महीने पहले अधिकारियों द्वारा बताया गया था कि भव्य विसर्जन की व्यवस्था होगी. यह पिछले सालों की तरह ही होगी. अब विसर्जन में सिर्फ 2 दिन शेष है और सरकार की ओर से नया फरमान आ गया है. हम चाहते हैं कि बड़ी  मूर्तियों को पिछले साल की तरह ही हुसैनसागर झील में विसर्जित करने की अनुमति मिले.

उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में लिखा है कि मूर्तियों को जल के प्राकृतिक स्रोत्रों में ही विसर्जित किया जाना चाहिए. कृत्रिम स्रोतों में नहीं. 

दूसरी तरफ टीआरएस के प्रवक्ता एम कृष्णक ने कहा कि इस मुद्दे को बीजेपी सांप्रदायिक रंग दे रही है. कोर्ट का फैसला स्पष्ट है. यहां तक कि अहमदाबाद में भी पीओपी से बनी मूर्तियों के विसर्जन प्रतिबंधिति है. हम सिर्फ कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं. इससे हम हिन्दू विरोधी कैसे हो गए?

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Hyderabad prepares temporary ponds Utsav Samithi wants Ganesh idol immersion at Hussainsagar lake
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हैदराबाद में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन पर छिड़ा 'संग्राम', बीजेपी और टीआरएस आमने
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हैदराबाद में गणेश उत्सव

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हैदराबाद में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन पर छिड़ा 'संग्राम', बीजेपी और टीआरएस आमने-सामने