डीएनए हिंदी: केंद्र और दिल्ली सरकार की तमाम कोशिशें नाकाफी साबित हुईं. सजा, फाइन और कानून का डर काम नहीं आया. तमाम सख्ती के बावजूद दिल्ली वालों ने जमकर आतिशबाजी (Firecrackers) की. शाम 6 बजे से ही पूरी दिल्ली में पटाखों की आवाज सुनाई देने लगी. करीब 10 बजे तक दिल्ली के आसमान में सिर्फ धुआं-धुआं दिख रहा था.
दिल्ली में बैन के बावजूद शाम 6 बजे से ही आतिशबाजी शुरू हो गई. दिल्ली के हर कोने से पटाखे फोड़ने की आवाज सुनी जाने लगीं. कानफोड़ू पटाखों की आवाज भी खूब आ रही थी, वहीं आसमान रॉकेट से गुलजार नजर आ रहा था. दिवाली के मौके पर दिल्ली के कई इलाकों से आग लगने की भी खबरें आईं.
ध्यान रहे कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले हफ्ते कहा था कि दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर 6 महीने तक की जेल की सजा और 200 रुपये का जुर्माना लग सकता है. दिल्ली सरकार ने आतिशबाजी को रोकने के लिए 408 टीमें गठित की थीं, लेकिन इसका असर देखने को नहीं मिला. दिवाली की पूरी रात दिल्ली में धमाके होते रहे.
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दिवाली के दिन सजा और जुर्माने के डर से लोग बेफिक्र नजर आ रह थे. ध्यान रहे कि दिवाली पर पटाखे छोड़ने की अपनी परंपरा बेहद पुरानी है. लेकिन, पिछले कुछ सालों में बढ़ते प्रदूषण की वजह से दिल्ली में दिवाली पर आतिशबाजी पर बैन है.
सिर्फ दिल्ली ही नहीं, दिल्ली से सटे एनसीआर के सभी शहरों का यही हाल था. गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद के लोगों ने भी जमकर पटाखे छोड़े.
गौरतलब है कि दिल्ली में पहले प्रतिकूल मौसम की वजह से दिवाली से एक दिन पहले ही हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है. आतिशबाजी को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि दिवाली के अगले दिन हवा की क्वालिटी गंभीर स्तर पर पहुंच सकती है.
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दिवाली पर नहीं माने दिल्ली वाले, कानून को दिखाया 'ठेंगा', जमकर फोड़े पटाखे