डीएनए हिन्दी: सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) के बाहर महिला की डिलीवरी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ध्यान रहे कि प्रसव पीड़ा होने के बावजूद महिला को अस्पताल में नहीं भर्ती किया गया. अस्पताल के बाहर ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है. यह बेहद शर्मनाक है. इस मामले पर दिल्ली महिला आयोग ने अस्पताल प्रशासन से जवाब मांगा है.
दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने इस मामले पर सफदरजंग अस्पताल से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि हमने सोशल मीडिया पर वीडियो देखा, जिसमें एक महिला की सफदरजंग अस्पताल के बाहर डिलीवरी हो रही है. साथ खड़ी महिलाएं जो डिलीवरी करवा रही हैं कह रही हैं कि महिला रात भर अस्पताल के बाहर पड़ी रही और उसे एडमिट नहीं किया गया. यह शर्मनाक है. मैंने मामले में सफदरजंग अस्पताल को नोटिस इशू किया है. नोटिस की कॉपी भी ट्वीट के साथ अटैच है.
हमने सोशल मीडिया पे विडीओ देखी जिसमें एक महिला की सफ़दरजंग अस्पताल के बाहर डिलीवरी हो रही है। साथ खड़ी महिलाएँ जो डिलीवरी करवा रही है कह रही है कि महिला रात भर अस्पताल के बाहर पड़ी रही और उसे अड्मिट नहीं किया। ये शर्मनाक है। मैंने मामले में सफ़दरजंग अस्पताल को नोटिस इशू किया है। pic.twitter.com/4FFq5iwm5V
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) July 19, 2022
मालीवाल ने अस्पताल प्रशासन से कई सवाल पूछे हैं. क्या महिला जब अस्पताल पहुंची तो उसे दर्द नहीं हो रहा था? मालीवाल ने अस्पताल प्रशासन से महिला को भर्ती नहीं करने के कारण पूछे हैं. साथ उन्होंने इससे संबंधित कागजात भी मांगे हैं. उन्होंने सवाल भी उठाया है कि क्या कागजी कार्रवाई बच्चे की जान से ज्यादा कीमती है? मालीवाल ने अस्पताल से इस मामले में 25 जुलाई तक कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है.
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सफदरजंग अस्पताल कैंपस के अंदर सड़क पर ही बच्चे को जन्म देने को मजबूर हुई महिला, अस्पताल प्रशासन ने दिया जांच का आश्वासन#SafdarjungHospital #Birth #Delhi @SJHDELHI pic.twitter.com/a8ZgPsN9Zp
— DNA Hindi (@DnaHindi) July 19, 2022
इधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि पीड़िता को जब एडमिट होने के लिए कहा गया तो एडमिशन पेपर लेकर वापस नहीं आई और न ही पीड़िता का कोई परिजन ही आया. जैसे ही हमें यह मालूल चला कि अस्पताल के बाहर डिलीवरी हो रही है तो हमारी एक टीम ने तुरंत जाकर मदद की. अस्तपताल प्रशासन का कहना है कि महिला फिलहाल अस्पताल में भर्ती है. बच्चे का वजन 1.4 किलोग्राम है. मां और बेटा दोनों की स्थिति अच्छी है.
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क्या बच्चे की जान से ज्यादा जरूरी है कागजी कार्रवाई: स्वाति मालीवाल