डीएनए हिंदी: असम सरकार ने मंगलवार कैबिनेट की बैठक में 5 मुसलमान जनजातियों को खिलोंजिया यानी भारतीय मुसलमान का दर्जा दिया गया है. यह जनजाति है गोड़िया, मोड़िया, देशी, जोलहा और सैयद. भारत में मुसलमान जनजातियों को अलग से मूल रूप से भारत के चिन्हित करने का यह पहली घटना है. बता दें कि सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने चुनाव प्रचार के दौरान भी मुसलमानों की जनगणना की बात कही थी. कुछ दिन पहले सरकार को एक्सपर्ट पैनल ने भी भारतीय मुसलमानों को चिह्नित करने का निर्देश दिया था.
राज्य में 2 तरह के हैं मुसलमान
असम सरकार के मंत्री जयंत मल्लब ने हमारे सहयोगी चैनल ज़ी न्यूज से कहा, खिलोंजिया मुसलमानों को अलग से चिन्हित करने का सिफारिश 7 एक्सपर्ट कमिटी ने किया था, ताकि वो सरकारी मदत से वंचित न हों. जयंत ने यह भी कहा की, भारत में जन्म लेने से ही कोई खिलोंजिया मुस्लिम नही बन जाता है. असम में मुसलमानों की 2 संप्रदाय है, एक खिलोंजिया मुस्लिम और दूसरा मिया मुस्लिम। खिलोंजिया जिनका जड़ असम में है और मिया उन्हे कहा जाता है जो बग्मलादेश से भारत आए हुए है, या फिर जिनका पारिवारिक जड़ बांग्लादेश में है.
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पैनल ने भी की थी सिफारिश
बता दें कि एक्सपर्ट पैनल ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा था कि असमिया मुसलमानों की पहचान अलग से की जाए और उनके लिए खास तौर पर अलग प्राधिकरण बनाया जाना चाहिए. पैनल की सिफारिश थी कि अलग बोर्ड या विभाग होने पर उन तक सरकारी योजनाएं, राहत सामग्री वगैरह पहुंचाना आसान होगा. साथ ही, इनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए अलग से पहचान पत्र और प्रमाण पत्र दिए जाने की सिफारिश भी की गई थी.
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Assam News: असम में भारतीय मुसलमानों की पहचान का काम हिमंत सरकार ने किया शुरू