डीएनए हिंदी: 2017 के चुनाव में सालों बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई थी और प्रदेश को 2 डिप्टी सीएम भी मिले थे. इनमें से एक बड़ा ओबीसी चेहरा केशव प्रसाद मौर्य थे और दूसरा लखनऊ के पूर्व मेयर दिनेश शर्मा. मौर्य की इस बार फिर वापसी हुई है लेकिन शर्मा की छुट्टी हो गई है. पद गंवाने के पीछे की असल कहानी राजनीतिक गलियारों में इन दिनों चर्चा का विषय है.
हाई कमान भी खुश नहीं था शर्मा के प्रदर्शन से
सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि दिनेश शर्मा को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी थी लेकिन वह हाई कमान की अपेक्षाओं पर पूरा नहीं उतर सके थे. उपमुख्यमंत्री के तौर पर केशव प्रसाद मौर्य खासे मुखर रहते थे और समाजवादी पार्टी के आरोपों का भी वह जमकर जवाब देते थे. उसकी तुलना में शर्मा का लो प्रोफाइल रहना दिल्ली में बीजेपी के हाई कमान को पसंद नहीं आया और नतीजा उनकी मंत्रीमंडल से छुट्टी हो गई है.
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पाठक भी बड़ा ब्राह्मण चेहरा, विपक्ष पर रहते हैं हमलावर
बृजेश पाठक पिछली सरकार में कानून मंत्री थे. बीजेपी को ब्राह्मणों के मुद्दे पर विपक्ष ने जब-जब घेरा था, पाठक ने उसका बेहद आक्रामक अंदाज में जवाब दिया था. लखनऊ कैंट से विधायक पाठक पाठक बीएसपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं और पार्टी में 6 ही साल में उनका करियर ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ा है. बृजेश पाठक बीजेपी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा बन गए हैं.
संगठन में दी जा सकती है बड़ी जिम्मेदारी
बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि 2024 चुनावों को देखते हुए पार्टी सभी बड़े नेताओं को साथ लेकर चलना चाहती है. बताया जा रहा है कि संगठन पर पकड़ और प्रदेश में काम करने के अनुभव की वजह से शर्मा को जल्द संगठन में कोई पद दिया जा सकता है.
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