डीएनए हिंदी: साल 1993 से हम प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस (World Water Day) मनाते आ रहे हैं. अभी भी दुनिया के 220 करोड़ लोगों के पास पीने का साफ पानी नहीं पहुंचा है. ऐसे में इस दिन का मनाने का उद्देश्य है कि विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके. इसके साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी आज के दिन लोगों को जागरुक भी किया जाता है.
क्या है इस बार का थीम
विश्व जल दिवस 2022 के थीम (Theme of World Water Day 2022) भूजल से जुड़ा है. भूजल (Ground Water) के स्रोत अदृश्य होते हैं. हम उन्हे देख नहीं पाते लेकिन जमीन में छुपा हुआ यह खजाना हम सबके जीवन का आधार है. ऐसे में इसी आधार के बारे में और जागरुकता पैदा करने के लिए इस साल का थीम है ‘भूजल-अदृश्य को दृश्यमान बनाना’ रखा गया है.
भारत में जल संरक्षण
भारत का भौगोलिक क्षेत्र लगभग 33 लाख वर्ग किलोमीटर का है. यहां दुनिया की करीब 16 फीसदी आबादी रहती है लेकिन मीठे पानी के स्रोत के मामले महज 4% ही उपलब्ध हैं. मीठे पानी की कम उपलब्धता के साथ-साथ उपलब्ध पानी के स्रोतों में भारी असमानता है. देश में उपलब्ध 70 फीसदी भूजल केवल इंडो-गंगा-ब्रह्मपुत्र मैदानों में पाया जाता है जो कि देश के भौगोलिक क्षेत्र का केवल 30 फीसदी है.
कहां हैं ज्यादातर उपलब्धता
देश में ज्यादातर भूजल उपलब्धता उत्तर पश्चिमी भाग में हैं. इसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से आते हैं. यहां संसाधन तो मौजूद हैं लेकिन उनकी अंधाधुंध निकासी होने की वजह से भूजल स्तर खतरनाक स्तर तक नीचे जा रहा है. वहीं देश के पश्चिमी भाग की समस्या अलग तरह की है. राजस्थान और गुजरात राज्यों के कई हिस्सों में बारिश कम होने की वजह से भूजल का स्तर रिचार्ज नहीं हो पाता है.
दिल्ली में भी बुरी है स्थिति
वही दक्षिणी भारत में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्से, तेलंगाना और तमिनाडू में भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भूजल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध ही नहीं है. पूरे देश की बात करें तो करीब 64 फीसदी क्षेत्र ऐसा है जहां पर भूजल की स्थिति को सुरक्षित माना गया है. वहीं प्रदेशों के स्तर पर भारी असमानता देखी जाती है. देश के कई ऐसे राज्य है जहां पर भूजल (Ground Water) खतरनाक स्तर तक नीचे चला गया है. इनमें दिल्ली, पंजाब ,हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं. देश की राजधानी दिल्ली की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है जहां सिर्फ 8 फीसदी हिस्से में ही भूजल सुरक्षित स्तर पर मौजूद है.
राज्य | भूजल (फीसदी में) |
दिल्ली | 8.82 |
हरियाणा | 11.33 |
राजस्थान | 12.54 |
पंजाब | 21.28 |
भारत (औसतन) | 64 |
वहीं कुछ ऐसे राज्य भी हैं जहां भूजल का स्तर राष्ट्रीय औसत से कम हैं. इन राज्यों में तमिलाडू, तेलंगाना और कर्नाटक शामिल हैं. इनकी स्थिति कुछ इस प्रकार है.
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राज्य | भूजल (फीसदी में) |
तमिलनाडु | 35 |
तेलंगाना | 54.50 |
कर्नाटक | 57 |
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