डीएनए हिंदीः संसद (Parliament) का मौजूदा शीतकालीन सत्र (Winter Session) अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले यानि बुधवार को ही अनिश्चित काल के लिए समाप्त हो गया. संसद के दोनों सदन, राज्य सभा (Rajya Sabha) और लोक सभा (Lok Sabha) में शीतकालीन सत्र समाप्त हो चुका है. संसदीय सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि अधिकतर सरकारी विधायी कार्य अभी तक संपन्न हो चुका थे, ऐसे में संसद सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया.
मौजूदा शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और 22 दिसंबर को समाप्त हो गया. राज्यसभा में कांग्रेस और टीएमसी के 12 सांसदों के निलंबन के बाद से विपक्षी दलों ने खूब हंगामा किया था. वहीं लखीमपुर खीरी मामले में भी विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के निलंबन की मांग की थी.
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शीतकालीन सत्र में किन मुद्दों पर रहा जोर?
मॉनसूत्र सत्र के अंतिम दिन सदन में अभद्र व्यवहार करने के आरोप में 12 राज्यसभा सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. निलंबित कांग्रेस सदस्यों में फुलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपन बोरा, राजमणि पटेल, सैंयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रसाद सिंह का नाम शामिल था. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बिनोय विश्वम, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सदस्य इलामारम करीम को भी सस्पेंड किया गया था.
तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई को भी संसद से निलंबित किया गया था. रूलबुक फेंकने की वजह से डेरेक ओ ब्रायन को भी मंगलवार को निलंबित कर दिया गया था. संसद में गांधी प्रतिमा के पास विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन भी किया था, मार्च भी निकाला था.
कैसा रहा संसद का शीतकालीन सत्र?
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 18 बैठकें हुईं और सदन का कार्य निष्पादन 82 प्रतिशत रहा, वहीं व्यवधान की वजह से 18 घंटे 48 मिनट का समय बर्बाद हुआ. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, कि यह सत्र 29 नवंबर से शुरू हुआ और इस दौरान कुल 18 बैठकें हुई जो 83 घंटे 12 मिनट तक चलीं. सत्र की शुरुआत में सदन के तीन सदस्यों ने 29 और 30 नवंबर को शपथ ली. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा है कि इस सत्र में महत्वपूर्ण वित्तीय और विधायी कार्य निपटाये गए और इस दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किये गए और 9 विधेयक पारित हुए. बिरला ने कहा कि इस दौरान सदन का कार्य निष्पादन 82 प्रतिशत रहा और व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट का समय व्यर्थ गया.
छाया रहा लखीमपुर खीरी कांड
संसदकालीन सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही के दौरान जमकर हंगामा हुआ. संसद में लखीमपुर खीरी केस, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और सांसदों के निलंबन का मुद्दा छाया रहा. किसान आंदोलन पर भी विपक्षी पार्टियों ने जमकर हंगामा किया. विपक्ष लगातार मांग कर रहा था कि अजय मिश्र उर्फ टेनी की बर्खास्त कर दिया जाए. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने लखीमपुर खीरी मामले को लेकर मंगलवार को भी मार्च निकाला था.
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