डीएनए हिंदी: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है. दिल्ली आबकारी नीति मामले में हुए कथित घोटाले में संजय सिंह का भी नाम सामने आया है. शुक्रवार को कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. संजय सिंह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं. स्पेशल जज एमके नागपाल ने राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज की.

गुरुवार को अदालत ने अपनी कार्यवाही स्थगित कर दी थी और कहा था कि वह सिंह की जमानत याचिका पर 22 दिसंबर को फैसला सुनाएगी. संजय सिंह की जमानत अर्जी पर बहस के दौरान उनके वकील ने कहा था कि सिंह को रिश्वत देने के बारे में आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा और अन्य गवाहों के बयानों में विरोधाभास हैं.

इसे भी पढ़ें- इमरान खान को सु्प्रीम कोर्ट ने दी जमानत, क्या जेल से बाहर आएंगे पाकिस्तान के पूर्व पीएम?

क्यों बार-बार खारिज हो रही जमानत याचिका
ईडी ने संजय सिंह के आवेदन का विरोध करते हुए कहा था कि जांच अभी चल रही है और अगर उन्हें जमानत पर रिहा किया गया तो वह जांच में बाधा डाल सकते हैं, सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. ED ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था.

इसे भी पढ़ें- देशभर में फैल रहा Covid-19, कई शहरों में मरीज, WHO ने दी ये सलाह

क्या हैं ED के आरोप?
ED ने आरोप लगाया है कि संजय सिंह ने अब वापस ली जा चुकी आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को आर्थिक लाभ पहुंचा है. संजय सिंह ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. (इनपुट: भाषा)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Why Delhi court denies bail to AAP MP Sanjay Singh in excise policy scam case
Short Title
AAP सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका बार-बार क्यों हो रही है खारिज?
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
AAP leader Sanjay Singh.
Caption

AAP MP Sanjay Singh.

Date updated
Date published
Home Title

AAP सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका बार-बार क्यों हो रही है खारिज?
 

Word Count
329