सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा समेत 600 वकीलों ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चिट्ठी लिखी है. 

वकीलों के आरोप हैं कि एक समूह बेकार के तर्कों और घिसे-पिटे राजनीतिक एजेंडा के आधार पर न्यायपालिका पर दबाव डालने और अदालतों को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है. 

CJI DY चंद्रचूड़ को 26 मार्च को लिखी गई चिट्ठी में लिखा गया है, 'उनकी दबाव की रणनीति राजनीतिक मामलों में, विशेषकर उन मामलों में सबसे ज्यादा स्पष्ट होती है जिनमें भ्रष्टाचार की आरोपी राजनीतिक हस्तियां होती हैं. ये रणनीतियां हमारी अदालतों के लिए हानिकारक हैं और हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने को खतरे में डालती हैं.'
 


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किसके खिलाफ लिखी गई है चिट्ठी?
पत्र में बिना नाम लिए वकीलों के एक वर्ग पर निशाना साधा गया है और आरोप लगाया गया है कि वे दिन में राजनेताओं का बचाव करते हैं और फिर रात में मीडिया के माध्यम से न्यायाधीशों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं. 

पत्र में कहा गया है कि यह समूह अदालतों के कथित बेहतर अतीत और सुनहरे दौर की झूठी कहानियां बनाता है और इसकी तुलना वर्तमान में होने वाली घटनाओं से करता है. पत्र में दावा किया गया है कि उनकी टिप्पणियों का उद्देश्य अदालतों को प्रभावित करना और राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें असहज करना है. 

'न्यायपालिका पर खतरे का सता रहा है डर'
'न्यायपालिका पर खतरा: राजनीतिक और पेशेवर दबाव से न्यायपालिका को बचाना' नाम से करीब 600 वकीलों ने चिट्ठी लिखी है. इन अधिवक्ताओं में आदिश अग्रवाल, चेतन मित्तल, पिंकी आनंद, हितेश जैन, उज्ज्वला पवार, उदय होला और स्वरूपमा चतुर्वेदी के नाम शामिल हैं. 

यूं तो वकीलों ने पत्र में किसी विशिष्ट मामले का उल्लेख नहीं किया है, लेकिन यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब अदालतें विपक्षी नेताओं से जुड़े भ्रष्टाचार के कई बड़े आपराधिक मामलों से निपट रही हैं. 

क्या BJP के खिलाफ मुखर हुए वकील?
विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर अपने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उनके नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है, वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस आरोप का खंडन किया है. 

कुछ दिग्गज वकीलों ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हालिया गिरफ्तारी के खिलाफ हाथ मिलाया है. 

'बेंच फिक्सिंग की रची जा रही है कहानी'

पत्र लिखने वाले वकीलों ने कहा है कि इस समूह ने ‘बेंच फिक्सिंग’ की पूरी कहानी गढ़ी है जो न केवल अपमानजनक है बल्कि अदालतों के सम्मान और गरिमा पर आघात है. 


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चिट्ठी के मुताबिक, 'ये लोग अपनी अदालतों की तुलना उन देशों से करने के स्तर तक चले गए जहां कानून का कोई शासन नहीं है. इन आलोचकों का रवैया कुछ ऐसा है कि जिन फैसलों से वे सहमत होते हैं, उनकी तारीफ करते हैं, लेकिन उनकी असहमति वाले किसी भी फैसले की वे अवमानना करते हैं.'

पत्र के मुताबिक, 'यह दोहरा व्यवहार उस सम्मान के लिए नुकसानदायक है जो किसी भी आम आदमी को हमारी कानून प्रणाली के लिए होना चाहिए.

पत्र में लिखा है, 'चुप रहने या कुछ नहीं करने से अंतत: उन लोगों को ताकत मिल सकती है जो नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. यह गरिमापूर्ण तरीके से चुप्पी बरतने का समय नहीं है क्योंकि कुछ साल से ऐसे प्रयास हो रहे हैं और लगातार हो रहे हैं.' (इनपुट: भाषा)

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Why 600 lawyers write to CJI Chandrachud raising alarm on threats to judiciary integrity
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Judiciary पर आए किस खतरे से डरे वकील? 600 वकीलों ने लिखी CJI Chandrachud को चिट्
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CJI D Y Chandrachud. (फाइल फोटो)
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Judiciary पर आए किस खतरे से डरे वकील? CJI को 600 लोगों ने लिखी चिट्ठी

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600 वकीलों ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि न्यायपालिका पर दबाव डाला जा रहा है. यह लोकतंत्र को गलत दिशा में लेकर जा रहा है.