डीएनए हिंदी: Women Reservation Bill 2023 Updates- लोकसभा में बुधवार शाम को लंबी बहस के बाद आखिरकार इतिहास रच दिया गया. बार-बार संसद की दहलीज पर आकर वापस लौट जाने वाला महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill 2023) आखिरकार लोकसभा में पास हो गया है. लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक (Nari Shakti Vandan Bill 2023) को सभी सांसदों ने एकतरफा समर्थन दिया और इसे दो तिहाई बहुमत के साथ राज्यसभा के हवाले कर दिया. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने बिल के समर्थन और विरोध के लिए पर्ची से वोटिंग कराई. 543 सीट वाली लोकसभा में वोटिंग के समय मौजूद 456 सांसदों में से जहां 454 ने बिल का समर्थन किया, वहीं महज 2 सांसद इसके खिलाफ वोट डालने वाले रहे.
असदुद्दीन ओवैसी और AIMIM के ही एक अन्य सांसद ने किया विरोध
लोकसभा में वोटिंग के दौरान महिला आरक्षण बिल के विरोध में दो ही सांसदों ने वोट डाला है. ये दोनों ही सांसद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी के हैं. इनमें एक सदस्य खुद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) हैं, जो हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद हैं. बिल का विरोध करने वाले दूसरे सदस्य AIMIM के ही इम्तियाज जलील (Imtiyaz Jaleel) हैं, जो औरंगाबाद सीट से सांसद हैं.
पहले ही बिल का विरोध कर रहे थे ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में पेश करने पर ही महिला आरक्षण बिल का विरोध कर दिया था. ओवैसी ने इस बिल पर चर्चा के दौरान इसमें OBC और मुस्लिम महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं देने पर सवाल उठाया था. ओवैसी का कहना था कि इन वर्गों की महिलाओं का संसद में प्रतिनिधित्व बेहद कम है. देश में 7 फीसदी मुस्लिम महिलाओं के मुकाबले सदन में महज 0.7 फीसदी मुस्लिम सांसद मौजूद हैं. ओवैसी ने मुस्लिम लड़कियों का शिक्षा में ड्रॉपआउट रेट 19 फीसदी होने और अन्य समुदायों का 12 फीसदी होने का अंतर भी उठाया. उन्होंने इसी आधार पर बिल का विरोध करने की बात कही थी.
लोकसभा में पास होने का बाद क्या होगा बिल का
लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से पास होने के बाद महिला आरक्षण बिल अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा. इसके गुरुवार (21 सितंबर) को ही राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावना है. राज्यसभा में यदि यह बिल पास हो गया तो इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास औपचारिक मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. देश की सर्वोच्च संवैधानिक पदाधिकारी होने के नाते राष्ट्रपति के इस बिल पर मंजूरी का साइन करते ही यह कानून बन जाएगा. इसके बाद नए कानून की अधिसूचना जारी की जाएगी.
नए संसद भवन में पास हुआ पहला बिल ही ऐतिहासिक
संसद का विशेष सत्र नए संसद भवन में आयोजित किया गया है. यह नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा का पहला सत्र है. इस विशेष सत्र में पास होने वाला पहला बिल महिला आरक्षण का है, जिसे ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. इससे नए संसद भवन का पहला ही सत्र इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है.
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454 के खिलाफ सिर्फ 2 वोट, जानिए कौन हैं महिला आरक्षण बिल का विरोध करने वाले दो सांसद