डीएनए हिंदी : विश्व स्वास्थ्य संगठन के बिलकुल ताज़े सर्वेक्षण के मुताबिक़ भारत में हर 10 में एक पेशेंट की मौत अस्पताल में फैलने वाले इन्फेक्शन से हो जाती है. यह जानकारी WHO ने अपनी इन्फेक्शन कंट्रोल(WHO infection control report) रिपोर्ट में जारी की. विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह भी कहना है कि ICU में मौजूद मरीज़ों और नवजात बच्चों को भी इंफेक्शन चपेट में ले रहा है.
अक्सर ठीक-ठाक मरीज़ भी हॉस्पिटल से ज़िंदा नहीं लौटते
WHO की इन्फेक्शन कंट्रोल रिपोर्ट(WHO infection control report) यह भी बताती है कि कई मामलों में ठीक-ठाक मरीज़ भी हॉस्पिटल के इन्फेक्शन से इतने बीमार हो जाते हैं कि उनका बचना मुश्किल हो जाता है. आज, 6 मई को जारी हुई इस रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी हुआ कि सेप्सिस यानी खून और दूसरे ऑर्गन में मौजूद इंफेक्शन के आधे केस अस्पताल की वजह से होते हैं. WHO की इस रिपोर्ट के मुताबिक अच्छी हाइजीन के बावजूद कई बड़े देशों में भी इंफेक्शन के हालात खराब हैं. यह रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में अस्पताल जनित मिले इंफेक्शन की वजह से 24 प्रतिशत लोग मर जाते हैं. ज़्यादातर इन्फेक्शन पर एंटीबायोटिक दवाएं काम नहीं करती हैं.
5 सालों के अध्ययन से तैयार हुई है यह रिपोर्ट
ज्ञात हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की यह रिपोर्ट 5 सालों के अध्ययन के बाद तैयार हुई है. इसमें कुल 106 देशों का सर्वे किया गया है. हैरतअंगेज खबर यह रही कि इन 106 देशों में केवल 4 देश इन्फेक्शन कंट्रोल के लाजिम तरीकों का पालन कर रहे थे. साथ ही यह जानकारी भी मिली कि दुनिया भर में केवल 15 प्रतिशत हेल्थ केयर फैसिलिटी ऐसी हैं जहां इंफेक्शन कंट्रोल के तरीके अपनाए जा रहे हैं. इस रिपोर्ट में यह भी निकलकर आया है कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले 100 मरीज़ों में से अमीर देशों में 7 मरीज और गरीब देशों में 12 मरीज अस्पताल वाले इंफेक्शन के शिकार हो जाते हैं. आईसीयू(ICU) में भर्ती तकरीबन 30 प्रतिशत मरीज़ अस्पताल में मौजूद इंफेक्शन की चपेट में आ जाते हैं. गरीब देशों में यह आंकड़ा 20 गुना बढ़ जाता है.
कई देशों के पास इन्फेक्शन रोकने का कोई प्रोग्राम नहीं है
यह रिपोर्ट बताती है कि 11 प्रतिशत देशों के पास अस्पताल में होने वाले इंफेक्शन को रोकने का कोई प्रोग्राम नहीं है. साथ ही 54 प्रतिशत देश ऐसे हैं जहां ऐसा प्रोग्राम तो है लेकिन वह ठीक तरीके से लागू नहीं किया गया है. भारत इन 54% देशों की श्रेणी में है.
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