आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnamः को कांग्रेस (Congress) पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी के निष्काषित कर दिया है. आचार्य प्रमोद, राम मंदिर (Ram Mandir) प्राण प्रतिष्ठा समारोह से वक्त से ही लगातार सुर्खियों में बने हैं. वे सार्वजनिक मंचों से अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तारीफ करते हैं. कभी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के धुर आलोचक रहे प्रमोद कृष्णम के बदले तेवरों से कांग्रेस परेशान थी.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अयोध्या राम मंदिर के अभिषेक समारोह से दूरी बनाने पर कांग्रेस नेताओं की आलोचना की थी. उन्होंने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की थी. अब मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के नेतृत्व वाली पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है.
कांग्रेस ने कहा है कि आचार्य प्रमोद कृष्णम को 'अनुशासनहीनता' और पार्टी के खिलाफ बार-बार बयान देने के आरोप में शनिवार को निष्कासित कर दिया गया है.
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कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम?
आचार्य प्रमोद कृष्णम 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर लखनऊ से उतरे थे लेकिन करारी हार हुई थी. उन्हें करीब 1.8 लाख वोट मिले थे. साल 2014 में भी उन्होंने यूपी के संभल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे.
आचार्य प्रमोद पहले कांग्रेस की उत्तर प्रदेश सलाहकार परिषद का हिस्सा थे. वे टीम प्रियंका गांधी का हिस्सा थे. उन्होंने भी कांग्रेस के लिए रणनीति तैयार की थी.
मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा कहा जा रहा है कि आचार्य प्रमोद के नाराज होने का एक कारण समाजवादी पार्टी का संभल और लखनऊ दोनों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करने का निर्णय है.
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आचार्य प्रमोद इसलिए पार्टी के अनुशासन की अवहेलना कर रहे थे. अब उन पर कांग्रेस ने गाज गिरा दी है. कुछ लोगों का कहना है कि पीएम मोदी और बीजेपी से नजदीकी उन पर हुए एक्शन की वजह बनी है.
कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को क्यों निकाला?
कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक बयान में यह नहीं बताया है कि कौन सी ऐसी घटनाएं थीं जिनमें अनुशासनहीनता बरती गई है. आचार्य प्रमोद 19 फरवरी को यूपी के संभल जिले में कल्किधाम का शिलान्यास कार्यक्रम करा रहे हैं.
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को न्योता दिया है. उनका लखनऊ दौरा चर्चित रहा है. हाल ही में, उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी. पीएम वहां पहुंच सकते हैं.
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कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रमोद कृष्णम को उनके बार-बार पार्टी विरोधी बयानों और अनुशासनहीनता की शिकायतों के मद्देनजर छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यह प्रस्ताव दिया था.'
क्या है आचार्य प्रमोद की सफाई?
आचार्य प्रमोद ने कहा कि उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात केवल उन्हें कल्कि धाम उद्घाटन के लिए आमंत्रण देने के लिए थी. कांग्रेस कार्यकर्ता उनके बयानों की वजह से बेहद नाराज थे. उन्होंने राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रधान मंत्री की तारीफ की थी. उन्होंने कांग्रेस को दूरी पर लताड़ा था.
पार्टी से निकाले जाने के बाद पहली बार क्या बोले प्रमोद कृष्णम?
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने रविवार को प्रेस कॉन्प्रेंस में कहा, 'मैं वेणुगोपाल या खड़गे जी से पूछना चाहता हूं कि कौन सी ऐसी गतिविधियां हैं जो पार्टी के विरोध में थी और उन्हें कब पता चला. क्या राम का नाम लेना पार्टी विरोधी है? क्या अयोध्या जाना पार्टी विरोधी है? क्या प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण स्वीकार करना पार्टी विरोधी है?'
प्रमोद कृ्ष्णम ने कहा, 'क्या श्री कल्की धाम का शिलान्यास करवाना पार्टी विरोधी है? क्या नरेंद्र मोदी जी से मिलना पार्टी विरोधी है? क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को श्री कल्की धाम के शिलान्यास का निमंत्रण देना पार्टी विरोधी है?'
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कौन हैं Acharya Pramod Krishnam, क्या है Congress के फैसले की इनसाइड स्टोरी?