डीएनए हिंदी: Tamil Nadu Weather Updates- अमूमन उत्तर भारत में भयानक सर्दी के दौरान दक्षिण भारत के राज्यों में मौसम खुशनुमा बना रहता है. दक्षिण भारतीय राज्यों में हाड़ कंपकंपाने वाली ठंड और घना कोहरा कभी नहीं देखी जाता. लेकिन इस बार तमिलनाडु के मौसम ने विशेषज्ञों को हैरानी में डाल दिया है. तमिलनाडु के एक इलाके में तापमान अचानक इतना नीचे आ गया है कि पानी जमने लगा है और फसलें ठंड के असर से मुरझाने लगी हैं. तमिलनाडु के पहाड़ी जिले उधागमंडलम के कंथाल और थलईकुंठा इलाकों में पारा जमाव बिंदु से नीचे पहुंच गया है. मौसम के इस असामान्य व्यवहार के कारण पूरे जिले में घना कोहरा और ओस की परत बन गई है, जिससे विजिबिल्टी बेहद कम होने से पूरा जनजीवन प्रभावित हो गया है. अमूमन दिसंबर-जनवरी में भी पतली शर्ट में घूमने वाले यहां के लोग उत्तर भारत की तरह अब आग जलाकर हाथ सेंकते हुए दिख रहे हैं.
1 डिग्री दर्ज हुआ है तापमान
मौसम विभाग के ऑफिशियल डाटा के मुताबिक, उधागमंडलम के कंथाल और थलईकुंठा इलाकों में तापमान 1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है, जबकि बोटेनिक्ल गार्डन इलाके में पारा 3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है. सैंडीनल्लाह इलाके में भी 3 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु के पहाड़ों पर अचानक आई इस बेमौसमी ठंड से स्थानीय लोग और पर्यावरणविद् बेहद चिंता में दिख रहे हैं. नीलगिरी एन्वायरमेंटल ट्रस्ट (NEST) के वी. शिवादास का मानना है कि मौसम में यह आश्चर्यजनक बदलाव ग्लोबल वार्मिंग और प्रशांत महासागर में बन रहे अल-नीनो प्रभाव के कारण है. उन्होंने कहा, उन्होंने कहा, इस तरह का जलवायु परिवर्तन नीलगिरी के लिए एक बड़ी चुनौती है और इस बारे में अध्ययन किया जाना चाहिए.
चाय के किसानों के माथे पर गहराई चिंता
जमाव बिंदु पर पहुंच गई ठंड ने स्थानीय चाय उत्पादक किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं. एक स्थानीय चाय मजदूर यूनियन के सेक्रेट्री आर. सुकुमारन के मुताबिक, दिसंबर में भारी बारिश के कारण चाय की खेती पहले ही प्रभावित हो चुकी है और अब ठंड का कहर भी चाय के पौधों पर बुरा प्रभाव डालेगा. उन्होंने डर जताया कि इससे आने वाले महीनों में चाय उत्पादन भी प्रभावित होगा. सब्जी उत्पादकों ने भी पत्तागोभी की खेती पर प्रभाव पड़ने को लेकर चिंता जताई है.
अचानक आई ठंड से जन-जीवन भी प्रभावित
तमिलनाडु में इतनी ठंड पड़ना बेहद असामान्य बात है. इस कारण स्थानीय जन-जीवन भी प्रभावित हो गया है. एक सरकारी कर्मचारी एन. रविचंद्रन के मुताबिक, बेहद ठंड के कारण सुबह जल्दी घर से काम के लिए निकलना दूभर हो गया है. गर्म कपड़े पहनने के बावजूद दोपहिया वाहन को ठंडी हवा में चलाना बेहद मुश्किल लग रहा है. इससे लोगों में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं. अधिकतर लोग सांस लेने में तकलीफ, गंभीर सिर के दर्द और बुखार से जूझते दिख रहे हैं.
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पानी जम गया और फसलें मुरझा गईं, तमिलनाडु में पहली बार ठंड की 'आपदा' से एक्सपर्ट हैरान