डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में देर रात से ही झमाझम बारिश हो रही है. एक हफ्ते पहले ही भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर में बारिश की संभवना जताई थी. बारिश होने से जहां एक तरफ ठंड बढ़ गई है, वहीं दिल्ली की हवा भी साफ हो गई है. दिल्ली में भारी बारिश की वजह से जगह-जगह जलजमाव भी हो गया है. दिल्ली के प्रह्लादपुर इलाके में पुल तक पानी भर गया है. सड़कों पानी में डूबी नजर आ रही हैं.
वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान-अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) शनिवार को 132 तक पहुंच गया है.
नोएडा में यह आंकड़ा 110 रहा और गुरुग्राम में 156 एयर क्वालिटी इंडेक्स रहा. इसे मध्यम श्रेणी में रखा जाता है. लगातार बारिश की वजह से तापमान में भी गिरावट देखी गई है. दिल्ली का तापमान सुबह 6 बजे तक 16 डिग्री सेंटीग्रेट था.
Delhi | Water-logging at an underpass in Pul Pehlad Pur, following overnight rainfall in the city pic.twitter.com/rH5DcEDZpL
— ANI (@ANI) January 8, 2022
Heavy rainfall causes waterlogging at the Mandawali underpass in East Delhi. pic.twitter.com/Vu0HR9PUmc
— ANI (@ANI) January 8, 2022
क्यों हो रही है बारिश?
मौसम विभाग के अनुसार, एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ की वजह से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 7 से 9 जनवरी तक हल्की से मध्यम बारिश होगी. अगले दो दिन में पंजाब, हरियाणा और उत्तरी-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश की संभावना है.
#WATCH राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में बारिश हो रही है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 7, 2022
वीडियो फिरोज़शाह रोड से है। pic.twitter.com/pNlyAvupv8
राजस्थान में भी हुई बारिश
दिल्ली के अलावा राजस्थान में पिछले चार दिन से बारिश जारी है. शुक्रवार को जयपुर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, नागौर, चूरू, हनुमानगढ़, झुंझुनूं, सीकर, अलवर, दौसा तथा भरतपुर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इन जिलों में कई स्थानों पर गरज-तड़क के साथ हल्की से मध्यम बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है.
कश्मीर में 8 जनवरी तक होगी बारिश और बर्फबारी
मौसम विज्ञान विभाग ने कश्मीर में 8 जनवरी तक मध्यम से भारी बर्फबारी या बारिश का पूर्वानुमान लगाया है. इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी हिमपात की भी संभावना है. कश्मीर में 40 दिन का 'चिल्लई कलां' का दौर 21 दिसंबर से शुरू हो गया. इस दौरान क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ती है और तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाती है, जिससे यहां की प्रसिद्ध डल झील के साथ-साथ घाटी के कई हिस्सों में पानी की आपूर्ति लाइनों सहित जलाशय जम जाते हैं.
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