डीएनए हिंदी: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को एयरपोर्ट और फ्लाइट में मास्क लगाने और हाथ धोने से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने वाले यात्रियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 (Covid-19) महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है और रह-रहकर सिर उठा रही है. कोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर दिया, जो हाईकोर्ट के एक वर्तमान न्यायाधीश के अनुभव के आधार पर दायर की गई थी.
दरअसल, न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने एयरपोर्ट से फ्लाइट में जाते यात्रियों को मास्क नहीं लगाए देखा था जिसके बाद उन्होंने आठ मार्च 2021 को स्थिति का स्वतः संज्ञान लिया था. हाईकोर्ट ने कहा कि कोविड-19 से बचाव से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ न सिर्फ मामला दर्ज होना चाहिए, बल्कि उन पर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि ऐसे लोगों को ‘नो-फ्लाई’ (उड़ान निषेध) सूची में डाल देना चाहिए. उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सख्ती जरूरी है.
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DGCA को करना होगा नियमों का पालन
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने कहा कि ऐसा कई बार देखा गया है कि गंभीरता से नियमों का पालन नहीं होता, इसलिए यह आवश्यक है कि नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) समेत अन्य एजेंसियां नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें. पीठ ने कहा, 'इसके लिए डीजीसीए को विमानन कंपनियों को अलग से बाध्याकारी निर्देश जारी करना चाहिए, ताकि वे एयरपोर्ट और विमानों में कर्मचारियों, एयर होस्टेस, कप्तान, पायलट व अन्य स्टाफ को उन यात्रियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अधिकार प्रदान करें, जो मास्क लगाने तथा हाथ धोने से जुड़े नियमों का उल्लंघन करते मिलते हैं.'
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कोरोना संकट अभी नहीं हुआ खत्म
कोर्ट ने DGCA की वकील अंजना गोसाईं की इस दलील का संज्ञान लिया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 10 मई को एक अन्य आदेश जारी कर कोविड-19 से बचाव के नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा था. गोसाईं खुद कोविड-19 से संक्रमित हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट और विमानों में मास्क से जुड़े नियमों पर कड़ाई से अमल करवाया जा रहा है. पीठ ने कहा, “उक्त आदेश सही दिशा में उठाया गया कदम है, क्योंकि महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है और रह-रहकर सिर उठा रही है.”
अदालत ने कहा कि दिशा-निर्देश पहले से हैं और उनका अनुपालन ठीक तरीके से नहीं हो रहा है, जो असल समस्या है. पीठ ने कहा कि दिशा-निर्देशों पर अमल के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं और मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख तय की.
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