डीएनए हिंदी: तापमान चढ़ने के साथ ही राजधानी दिल्ली में जल संकट बढ़ने लगता है. कहीं पानी ही नहीं है तो कहीं आधी रात को पानी आ रहा है. क्लस्टर इलाकों से लेकर पॉश इलाकों तक सब एक ही समस्या के शिकार हैं.
दरअसल दिल्ली में पानी पीना है तो अलार्म लगाना होगा! ये पढ़कर आप भी चौंक गए होंगे. हम आपको डरा नहीं रहे बल्कि दिल्ली में पानी की किल्लत की जमीनी हकीकत से रूबरू करवा रहे हैं. सरकारी दावों और वादों के उलट पानी के नल कई-कई घंटों के लिए, कई बार 2 से 3 दिन के लिए बंजर हो जाते हैं. अब तो हालात ये हैं कि दिल्ली में पानी के इंतजार ने कहीं दिल्ली वासियों की नींद उड़ा रखी है, तो कहीं घंटों-घंटों लाइन में लगकर पानी के टैंकर का इंतजार करना पड़ता है.
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चिल्ला गांव
पूर्वी दिल्ली का चिल्ला गांव, जहां पानी के लिए मारामारी की तस्वीर पुरानी है मगर समस्या अब परमानेंट है. बीते कई सालों से यहां ये दिक्कत जस की तस है. हजारों शिकायतों के बावजूद पानी की किल्लत का कोई समाधान नहीं निकला है. अब हालात ये हैं कि यहां के रिहायशियों ने मजबूरी में इस किल्लत के साथ जीना सीख लिया है. लंबी लाइन, कई घंटे इंतजार, लड़ाई-झगड़े और फिर एक बाल्टी पानी नसीब होता है.
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न्यू गुप्ता कॉलोनी
नॉर्थ दिल्ली की न्यू गुप्ता कॉलोनी की बात करें जहां ना तो नल में जल आता है और ना ही दिल्ली जल बोर्ड का टैंकर. इस इलाके में ज्यादातर मध्यम वर्गीय परिवार रहते हैं. पीने के पानी के लिए उन्हें बाजार से पानी की बोतल लेनी पड़ती है. यहां के घरों में पानी आने का कोई वक्त तय नहीं है. कभी रात को 2 बजे तो कभी तड़के 4. इसके चलते हर परिवार का कोई ना कोई सदस्य रात में पानी के इंतजार में निगरानी करता है. कई बार तो लोगों को 2-2 दिन बगैर पानी के भी गुजारा करना पड़ता है. पानी ना भर पाने के डर से अब कई लोग रतजगा तक करने को मजबूर हैं.
वसंत विहार
अगर आपको लगता है कि दिल्ली में वाटर सप्लाई की समस्या केवल इन्हीं इलाकों तक सीमित है तो आप गलत हैं. आपको बता दें कि दिल्ली के सबसे पॉश इलाकों में से एक वसंत विहार के लोग भी पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. वसंत विहार के बी ब्लॉक में रहने वाले अपनी नाराज़गी जताते हुए कहते हैं कि हम ओल्ड एज हैं, पानी के लिए हमारी मजबूरी है रात में जागना. अगर अलर्ट नहीं रहे तो पानी नहीं मिलेगा. बच्चे ऑफिस जाते हैं, इसलिए हम रात में जागते हैं. पूरे इलाके में 2 हजार घर हैं मगर दिन भर में दिल्ली जल बोर्ड की सिर्फ एक गाड़ी आती है. कई-कई दिनों से कपड़े नही धोए गए हैं.
वहीं इलाके की अनीता गुप्ता बताती हैं कि घर में मेहमानों के आने पर भी हम बचा कर पानी सर्व करते हैं. घर गंदा होने पर भी पोछा नहीं लगवा रहे. पानी के लिए रात में जागना अब मजबूरी बन चुकी है. पीने के लिए हम बड़ी कीमत अदा कर बाहर से पानी मंगवा रहे हैं. उनका कहना है कि पानी का प्रेशर इतना कम होता है कि घर की टंकियां तक नहीं भर पाती हैं.
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Water Crisis: दिल्ली में पीना है पानी तो लगाना होगा अलार्म !