VVPAT Verification Case: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले केरल में मॉक पोल के दौरान EVM से मिले गलत रिजल्ट का विवाद शुरू हो गया है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में EVM  मशीनों से निकलने वाली वोटर-वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों के 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान भी ये मुद्दा उठा. सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग को केरल के मामले में जांच कराने का आदेश दिया है. साथ ही फिलहाल वीवीपैट पर्चियों के सत्यापन वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. दरअसल याचिकाकर्ताओं की मांग है कि वीवीपैट पर्चियों से सामने आ रहे रिजल्ट और EVM मशीन से निकले रिजल्ट का आपस में मिलान कराया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मशीन में किसी गड़बड़ी के जरिये रिजल्ट नहीं बदला गया है. एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) आदि की याचिकाओं में इसके लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है. इस मामले में 16 अप्रैल को करीब आधा दिन लंबी सुनवाई हुई थी. गुरुवार (18 अप्रैल) को भी करीब पूरा दिन चली सुनवाई के बाद जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

केरल के कासरगोड में सामने आया मॉक पोलिंग में गलत रिजल्ट

IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल के कासरगोड में मॉक पोलिंग के दौरान EVM मशीनों में खराबी सामने आई थी. साथ ही मशीनों में गड़बड़ी के जरिये भाजपा के पक्ष में गलत तरीके से वोट दर्ज करने के आरोप लगे हैं. यह मुद्दा गुरुवार को वीवीपैट पर्चियों के मिलान की मांग कर रहे लोगों की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के सामने उठाया है. भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को मंगलवार की न्यूज रिपोर्ट का संज्ञान लेने के लिए कहा, जिसमें केरल में LDF और UDF के उम्मीदवारों के एजेंटों ने मॉक पोल में EVM चालू होने पर भाजपा को एक्सट्रा वोट मिलने का आरोप लगाया है. 

इस पर जस्टिस खन्ना और जस्टिस दत्ता की बेंच ने चुनाव आयोग की तरफ से पेश सीनियर वकील मनिंदर सिंह से कहा, कृपया इसकी जांच करें. हालांकि सुनवाई के दौरान दोपहर 2 बजे के करीब चुनाव आयोग के अधिकारी इस मामले में बेंच के सामने पेश हुए. उन्होंने बेंच के सामने न्यूज रिपोर्ट के झूठा होने का दावा किया. इसके बावजूद जस्टिस दत्ता ने कहा, यह निर्वाचन प्रक्रिया है. इसमें पूरी तरह पवित्रता होनी चाहिए. किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि जो कुछ अपेक्षित है वह नहीं किया जा रहा है.

EVM के सिक्योरिटी फीचर समझने पर दिया बेंच ने जोर

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट बेंच ने चुनाव आयोग (Election Commission of India) के एक अधिकारी से सवाल-जवाब किए, जिसमें EVM मशीनों के सिक्योरिटी फीचर को समझने की कोशिश की गई. अधिकारी ने बेंच को बताया कि करीब 17 लाख EVM का इस्तेमाल हो रहा है. मशीन निर्माता को भी नहीं पता होता कि कौन सी मशीन किस लोकसभा क्षेत्र में जा रही है और कौन सा बटन किस पार्टी को अलॉट होगा. साथ ही VVPAT मशीन में कोई सॉफ्टवेयर अपलोड नहीं होता है. यह महज एक प्रिंटर है. जस्टिस खन्ना ने अधिकारी की बातों पर गौर करते हुए कहा, तो चुनाव से 7 दिन पहले उम्मीदवारों की उपस्थिति में VVPAT की फ्लैश मेमोरी में पार्टियों की इमेज अपलोड की जाती है. एक बार इमेज अपलोड होने पर इन्हें नहीं बदला जा सकता, क्योंकि ये किसी भी कंप्यूटर या लैपटॉप से कनेक्ट नहीं होती हैं. अधिकारी ने बेंच से इस बात की पुष्टि की.

'वीवीपैट स्क्रीन की लाइट रहे हमेशा ऑन'

वकील प्रशांत भूषण ने बेंच से मांग की कि वोटिंग टाइम के दौरान पूरे समय VVPAT स्क्रीन की लाइट ऑन रखी जाए. फिलहाल यह लाइट महज 7 सेकेंड के लिए जलती है. भूषण ने तर्क दिया कि इससे वोटर अपनी वीवीपैट स्लिप को कटते हुए और नीचे रखे बॉक्स में गिरते हुए देख पाएगा. 

'वोटर ही डाले बैलेट बॉक्स में वीवीपैट पर्ची'

एडवोकेट निजाम पाशा ने बेंच को सलाह दी कि वोटर को अपनी वीवीपैट स्लिप फिजिकली हासिल करने और फिर अपने हाथ से बैलेट बॉक्स में डालने की सुविधा दी जाए. हालांकि इस पर जस्टिस खन्ना ने वोटर की गोपनीयता भंग होने का सवाल उठाया तो पाशा ने कहा कि वोटर की गोपनीयता उसे अपने अधिकार से वंचित रखने में बाधा नहीं बन सकती. इसके बाद जस्टिस खन्ना ने कहा, मुझे उम्मीद है कि आप जो चाह रहे हैं उसका व्यवहारिक परिणाम जानते हैं.

'चुनाव परिणाम के बाद करा लिया जाए वीवीपैट का ऑडिट'

सीनियर एडवोकेट संजय हेगडे ने बेंच के सामने दलील दी कि वीवीपैट की शुरुआत 'ऑडिट' के लिए की गई थी. उन्होंने कहा कि ईवीएम के वोट गिनने के बाद ऑडिट के लिए सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ईवीएम वोट की गिनती तत्काल होनी चाहिए, जबकि ऑडिट के लिए टाइम लिया जा सकता है. इसके लिए अलग से ऑडिट कराया जा सकता हो, जो वोट की गिनती के प्रोसेस की विश्वसनीयता को और ज्यादा मजबूत करेगा. 

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VVPAT Verification Case Supreme Court Reserves Judgment On Pleas before lok sabha elctions 2024 polling
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Supreme Court में उठा मॉक पोल में BJP को एक्स्ट्रा वोट का मुद्दा, VVPAT पर फैसला
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Supreme Court में उठा मॉक पोल में BJP को एक्स्ट्रा वोट का मुद्दा, VVPAT पर फैसला सुरक्षित

 

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