डीएनए हिंदीः रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत यात्रा पर आ रहे हैं. उनकी ये यात्रा भारत के लिए कूटनीतिक रूप से तो महत्वपूर्ण है ही. साथ ही इस यात्रा से भारत सैन्य एवं आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकता है. भारत की रूस के साथ AK-203 असाल्ट राइफल की डील हो सकती है, जिसको लेकर रक्षा मंत्रालय वृहद तैयारियों में जुटा हुआ है. वहीं इस डील का साकार होना हमेशा से राजनीतिक त्रासदी का पर्याय रहे अमेठी शहर के लिए पुनर्रोत्थान की वजह बन सकता है, क्योंकि इस डील के तहत सभी प्रोडक्ट्स अमेठीमें ही बनेंगें.
भारत दौरे पर पुतिन
रूस के साथ भारत की कूटनीतिक मित्रता सर्वविदित है. भारत के अनेकों रक्षा उपकरणों में रूस की छाप दिखती है. एस-400 से लेकर लड़ाकू विमानों तक में रूसी तकनीक का प्रयोग किया गया है. वहीं अब जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की यात्रा पर 5 दिसंबर को आ रहे हैं तो पुनः सैन्य और आर्थिक सहयोग को विस्तार देने के लिए दोनों ही देश काम कर सकते हैं.
इसी में एक डील ऐके-203 असॉल्ट राइफल्स की डील भी है जिसके तहत रूस भारत में न केवल इन आधुनिक राइफल्स के निर्माण करेगा, अपितु भारत के साथ राइफल्स की तकनीक साझा करेगा.
हालांकि, तकनीक देने को लेकर अधिकारियों के बीच बातचीत में फंसा हुआ है लेकिन उम्मीद यही है कि तकनीक के मुद्दे का मामला भी जल्द ही हल हो जाएगा. इस डील के तहत कुल 7.5 लाख असॉल्ट राइफल्स बनाई जाएंगी. वहीं शुरुआती 70 हजार राइफल्स के लिए रूस से ही सभी उपकरण आयात किए जाएंगे, जिसके बाद उन्हें असेंबल किया जाएगा.
अमेठी का बड़ा फायदा
पुतिन की यात्रा के दौरान होने वाली डील का सर्वाधिक फायदा अमेठी को होगा. वो अमेठी जो पहले देश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट मानी जाती थी लेकिन जमीनी स्तर पर इसकी दुर्दशा के किस्से थे, उसका कायाकल्प हो सकता है. इस डील के तहत होने वाला असॉल्ट राइफल्स का निर्माण अमेठी में ही होगा. इससे अमेठी के स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, साथ ही इस शहर के विकास के एक नए अध्याय की शुरुआत भी होगी.
इन रूसी असॉल्ट राइफल्स की क्षमता का विशेष लोहा माना जाता है, ऐसे में ये राइफल्स यदि भारतीय सुरक्षा बलों के हथियारों के जखीरें में राइफल शामिल होती है, तो इससे निश्चित ही सैन्य शक्ति में विस्तार भी होगा.
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