डीएनए हिंदी: देश के नए उपराष्ट्रपति कौन होंगे, इसके लिए आज मतदान हो रहा है और शाम तक नतीजे भी आ जाएंगे. एनडीए (NDA) की तरफ से जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) मैदान में हैं तो विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) पर दांव चला है. इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट डाल रहे हैं. इसके लिए संसद भवन में सुबह 10 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है और शाम 5 बजे तक मतदान होगा. वोटिंग होने के तुरंत बाद मतगणना शुरू हो जाएगी और देर शाम तक नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे.
> पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व्हीलचेयर पर संसद भवन पहुंचे और उपराष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. मनमोहन सिंह ने पिछले महीने राष्ट्रपति चुनाव में भी व्हीलचेयर से संसद भवन पहुंचकर वोट डाला था.
> उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई है. संसद भवन में मतदान चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना वोट डाल दिया है. संसद भवन में मतदान करने के लिए सांसदों की कतार लग गई है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और अश्विनी वैष्णव ने भी मतदान किया.
राष्ट्रपति चुनाव की तरफ इस बार भी उपराष्ट्रपति चुनाव का ये मुकाबला एकतरफा बनता दिख रहा है. आकंड़ों के लिहाज से इस रेस में NDA के जगदीप धनखड़ काफी आगे नजर आ रहे हैं. विपक्ष की मार्गरेट अल्वा चुनाव जरूर लड़ रही हैं लेकिन धनखड़ ने एक मजबूत लीड बना रखी है. वोटों के समीकरण देखें तो बीजेपी अकेले अपने दम पर धनखड़ को चुनाव जिताने की स्थिति में नजर आ रही है. बीजेपी के पास लोकसभा में 303 और राज्यसभा में 91 सांसद हैं. इस आधार पर जगदीप धनखड़ के खाते में अभी 395 वोट दिख रहे हैं.
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कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव
उपराष्ट्रपति के चुनाव में सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सांसद वोट करते हैं. इस चुनाव में मनोनीत सदस्य भी हिस्सा लेते हैं. मतलब चुनाव में कुल 788 वोट डाले जा सकते है. इसमें लोकसभा के 543 सांसद और राज्यसभा 243 सदस्य वोट करते हैं. राज्यसभा सदस्यों में 12 मनोनीत सांसद भी हैं. किसी को भी उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए 394 वोटों की जरूरत पड़ती है. उपराष्ट्रपति के चुनाव लड़ने के लिए भारत का नागरिक होना जरूरी होता है. उसकी उम्र 35 से अधिक होनी चाहिए और वह राज्यसभा सदस्य चुने जाने की सभी योग्यताओं को पूरा करता हो. उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी को 15,000 रुपये जमानत राशि के तौर पर जमा कराने होते हैं. चुनाव हार जाने या 1/6 वोट नहीं मिलने पर यह राशि चुनाव आयोग में जमा हो जाती है.
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कैसे होती ही वोटों की गिनती?
उपराष्ट्रपति के चुनाव में वोटिंग खत्म होने के बाद आज ही वोटों की गिनती होगी. पहले राउंड की गिनती में देखा जाता है कि सभी उम्मीदवारों को पहली प्राथमिकता वाले वोट कितने मिले हैं. अगर पहले राउंड में ही किसी उम्मीदवार को जरूरी कोटे के बराबर या उससे ज्यादा वोट मिलते हैं तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है.
अगर ऐसा नहीं हो पाता तो उस उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है जिसे सबसे कम वोट मिले हैं. फिर दूसरी प्राथमिका को चेक किया जाता है कि किस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा मिली है. फिर उसकी प्राथमिकता वाले ये वोट दूसरे प्रत्याशी में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं. बता दें कि उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है. 11 अगस्त को नए उपराष्ट्रपति शपथ लेंगे.
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