डीएनए हिंदीः  नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (एनएचआरसी) के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 31 अक्टूबर तक देश भर से मानव अधिकार हनन के 64, 170 मामले दर्ज किए गए हैं.  इनमें से सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश से हैं.

एनएचआरसी के आंकड़ों के मुताबिक मानव अधिकार हनन के 40 प्रतिशत से ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश से सामने आए हैं. ये आंकड़ा सिर्फ एक साल का नहीं, बीते तीन सालों का है. मिनिस्ट्री ऑफ होम अफयेर्स ने राज्यसभा में ये आंकड़े पेश किए हैं. इनमें बताया गया है कि बीते तीन साल से मानव अधिकार हनन के मामलों में लगातार उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. 

एनएचआरसी के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 2018-19 में 41,947 मामले, 2019-20 में 32,693 मामले, 2020-21 में 30,164 और 2021-22 में 31 अक्टूबर तक 24,242 मामले दर्ज किए गए थे. बेशक ये संख्या के अनुसार कम होते मामले हैं, लेकिन तीन साल लगातार मानव अधिकार हनन के मामलों में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है.

डीएमके सांसद एम. शनमुगम ने संसद में सवाल किया था कि क्या देश में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले बढ़ रहे हैं. इसके जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि एनएचआरसी के आंकड़ों के मुताबिक मानवाधिकार उल्लंघन के मामले 2018-19 में 89,584 थे, जो 2019-20 में घटकर 76,628 और 2020-21 में 74,968 हो गए. वहीं 2021-22 में 31 अक्टूबर तक मानव अधिकार उल्लंघन के 64,170 मामले दर्ज हुए थे.

वहीं दिल्ली में साल 2018-19 में मानव अधिकार उल्लंघन के 6,562 मामले, 2019-20 में 5,842 और 2020-21 में मानव अधिकार उल्लंघन के 6,067 मामले दर्ज किए गए थे. 


 

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uttar pradesh tops in the list for human rights violation cases
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उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मानव अधिकारों का हनन
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