Uttar Pradesh Bye Polls 2024: उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के लिए बुधवार (20 नवंबर) को मतदान होगा. इस दौरान गाजियाबाद की शहर विधानसभा सीट (Ghaziabad City Assembly Seat Bye Polls 2024) पर भी वोट डाली जाएंगी, जो भाजपा विधायक अतुल गर्ग के लोकसभा चुनाव जीतने पर इस्तीफा देने के कारण खाली हुई है. इस सीट पर भाजपा का दबदबा रहा है और इस बार भी भगवा दल यहां अपनी जीत की उम्मीद लगाकर चल रहा है, लेकिन इस बीच गाजियाबाद के बढ़ते प्रदूषण ने चिंता की लहर पैदा कर दी है. गाजियाबाद में मंगलवार सुबह 7 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 479 के अति गंभीर स्तर पर दर्ज किया गया है. ऐसे में लोगों को घर से बाहर निकलने पर सांस लेने में भी परेशानी महसूस होने लगी है. इसके चलते माना जा रहा है कि बूथ पर वोटर टर्नआउट बेहद कम रह सकता है यानी लोग वोट डालने के लिए घरों से बाहर कम संख्या में निकलेंगे, जो चिंता की बात हो सकती है.
गाजियाबाद सीट पर खड़े हैं 14 प्रत्याशी, मुकाबला BJP-SP के बीच
गाजियाबाद सीट पर उपचुनाव में 14 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा हुआ है. भाजपा ने इस सीट पर संजीव शर्मा को उतारकर ब्राह्मण कार्ड खेला है, जबकि सपा ने राज जाटव को उतारकर दलित वोटबैंक को लुभाने की कोशिश की है. बसपा ने पीएन गर्ग को टिकट दिया है. असली मुकाबला भाजपा और सपा के ही बीच माना जा रहा है, लेकिन बसपा प्रत्याशी भी भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाएंगे. ऐसे में 1-1 वोट कीमती हो गया है.
क्या है गाजियाबाद सीट पर जातीय समीकरण
प्रदूषण के कारण यदि इस सीट पर वोटर टर्नआउट घटता है तो इसका नुकसान भाजपा को ज्यादा होने की संभावना मानी जा रही है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपनी परंपरा से हटकर PDA समीकरण के तहत दलित प्रत्याशी उतारा है, जिसे गेम चेंजर दांव माना जा रहा है. इस सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो दलित (SC) वोट करीब 85,000 हैं, जबकि मुस्लिम वोट करीब 60,000 हैं. मुस्लिम वोटर भाजपा के बजाय सपा के खेमे में जाएगा, ये पूरी उम्मीद है और दलित उम्मीदवार होने के चलते दलित वोटर्स के भी अखिलेश अपने पाले में आने की उम्मीद लगा रहे हैं. साथ ही उन्हें करीब 10,000 यादव वोट का भी साथ मिलने की उम्मीद है.
यदि भाजपा की बात की जाए तो उसका असली आधार इस सीट पर करीब 80,000 वैश्य वोट हैं, जिनमें इस बार बसपा ने सेंध लगाने की तैयारी वैश्य मतदाता के जरिये की है. एसटी वोटर्स भी करीब 50,000 हैं, जो किसी भी खेमे में जाकर खेल बदल सकता है. इसी तरह दूसरे राज्यों से आकर यहां नौकरी-व्यवसाय आदि कर रहे प्रवासी वोटर्स भी करीब 60,000 हैं, जिनका भाजपा की तरफ झुकाव रहता है. अन्य वोटर्स में 30,000 पंजाबी, 18,000 जाट, 15,000 त्यागी, 8,000 ठाकुर हैं, जो अमूमन भाजपा का वोटबैंक माने जाते हैं.
कम वोटर टर्नआउट हुआ तो भाजपा को होगा नुकसान
अब जान लेते हैं कि प्रदूषण के कारण यदि कम वोटर टर्नआउट हुआ तो भाजपा के लिए कैसे नुकसान का सौदा रहेगा? आमतौर पर SC और ST वोटर्स अपना वोट जरूर डालने के लिए जाने जाते हैं, जबकि भाजपा के समर्थक समुदाय अधिकतर मौकों पर 50-60 फीसदी वोटिंग ही करते हैं. ऐसे में यदि SC-ST वोटर्स बूथ तक पहुंचे और भाजपा समर्थक समुदाय प्रदूषण के कारण घर से बाहर निकलने से झिझके तो भगवा दल के लिए परेशानी की बात होगी.
क्या है गाजियाबाद में प्रदूषण की स्थिति
गाजियाबाद में 19 नवंबर की सुबह AQI लेवल करीब 479 दर्ज किया गया था, लेकिन शाम 7 बजे यह घटकर 412 रह गया था. इसके उलट यदि 18 नवंबर की बात करें तो सुबह 6 बजे AQI लेवर करीब 373 था और शाम 7 बजे यह 437 पर पहुंच चुका था. हालांकि 19 नवंबर की शाम के 412 लेवल को भी चिंताजनक स्थिति में गिना जाता है, लेकिन सुबह के मुकाबले शाम को AQI के घटने से से हालात सुधरने के संकेत मिले हैं. यदि बुधवार सुबह भी AQI में यही सुधार जारी रहता है तो प्रदूषण बड़ा फैक्टर साबित नहीं होगा.
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गाजियाबाद में मतदान से पहले 475 के पार AQI, क्या प्रदूषण के बीच वोट डालने निकलेंगे लोग?