डीएनए हिंदी: महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया में वैक्सीन की खोज की जा रही थी तो दूसरी ओर अमानवीयता का पर्याय आतंकवादी ही हैं. अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट बताती है कि भारत में कोविड महामारी के दौरान आतंकी घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि एक खास बात ये है कि आतंकी घटनाओं में मौतों का आंकड़े में भारत काफी नीचे है. इसके पीछे का श्रेय भारत की सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों को दिया गया है.
पूरी दुनिया में बढ़ा है आतंकवाद
अमेरिकी विदेश विभाग की डिटेल्स के मुताबिक साल 2020 में 98 देशों में 10,172 आतंकी हमले हुए थे. ये आंकड़ा साल 2019 में दर्ज की गई घटनाओं की तुलना में 1,300 अधिक हैं. वहीं भारत की बात करें तो पिछले साल भारत में आतंकवाद से संबंधित 679 घटनाएं हुईं थीं, जिनमें 567 लोग मारे गए. खास बात ये है कि 2020 में आतंकी हमलों में वैश्विक मृत्यु का 2% था. अमेरिकी आंकड़ों के मुताबिक 2019 में देश में 655 आतंकी हमले हुए थे.
मौतों का आंकड़ा कम
अमेरिकी रिपोर्ट में एक खास बात ये है कि भले ही भारत में आंतकी हमले बढ़े हों किन्तु लोगों की मौतों के मामले में भारत टॉप-10 देशों की सूची से बाहर रहा है. भारत में जिन राज्यों में सबसे अधिक आतंकी घटनाएं हुईं है, उनमें जम्मू और कश्मीर में 257 घटनाएं (37.8%), छत्तीसगढ़ में 145 घटनाएं (21.4%) और झारखंड में 69 घटनाएं (10.2%) थीं.
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सामंजस्य की कमी
भारत में होने में वाले हमलो में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता और आतंकियों को नाकाम करने की कोशिशों को तो सराहा गया है किन्तु सामंज्य पर सवाल भी खड़े किए गए हैं. अमेरिकी रिपोर्ट में लिखा है, "भारतीय सुरक्षा एजेंसियां आतंकवादी खतरों को रोकने में प्रभावी हैं, हालांकि इंट्रा एजेंसी इंटेलिजेंस और सूचना साझा करने में अंतर अभी भी मौजूद है."
गौरतलब है कि भारत में इस समय आतंकियों का मुख्य गढ़ जम्मू-कश्मीर ही बना हुआ है. इसके चलते मोदी सरकार ने राज्य में आतंकियों के खात्मे के लिए सेना और सुरक्षा एजेंसियों के हाथ खुले छोड़ रखे हैं.
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