डीएनए हिंदी: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने ट्रांसजेंडर महिला के बच्चा गोद लेने पर बड़ा फैसला किया है. अपने इस फैसले में कोर्ट ने कहा कि ट्रांसजेंडर भी बच्चे को गोद ले सकते हैं और इसके लिए उन्हें किसी विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है.

दरअसल 12 साल पहले एक ट्रांसजेंडर ने एक पुरुष के साथ शादी की थी. शादी के बाद कपल ने बच्चा गोद लेने का फैसला किया. इसके लिए जब उन्होंने बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी इकट्ठा की तो पता चला कि उन्हें मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत होगी.

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इसी क्रम में कपल ने दिसंबर 2021 में वाराणसी में हिंदू विवाह के उप रजिस्ट्रार से मैरिज सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया. हालांकि ट्रांसजेंडर और पुरुष की शादी होने की वजह से रजिस्ट्रेशन और मैरिज सर्टिफिकेट प्राप्त करने में परेशानियां आईं जिसके बाद दंपति ने हाईकोर्ट का रुख किया. 

इधर ट्रांसजेंडर महिला रीना किन्नर और उनके पति की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डॉक्टर कौशल जयेंद्र ठाकुर और जस्टिस विवेक वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि बच्चे को गोद लेने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट अनिवार्य नहीं है. कोर्ट ने कहा कि एकल माता-पिता हिंदू दत्तक और भरणपोषण अधिनियम, 1956 के तहत वह किसी भी बच्चे को गोद ले सकते हैं.

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Transgender can also adopt child marriage registration is not necessary said ​​Allahabad High Court
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बच्चा गोद लेने के लिए शादी जरूरी नहीं, ट्रांसजेंडर भी ले सकते हैं संतान सुख: HC
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ट्रांसजेंडर भी ले सकते हैं बच्चे को गोद, शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं: Allahabad High Court
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बच्चा गोद लेने के लिए शादी जरूरी नहीं, ट्रांसजेंडर भी ले सकते हैं संतान सुख, HC का अहम फैसला