डीएनए हिंदी: बेरोजगारी के मोर्चे पर शहरों की हालत खस्ता नजर आ रही है. करीब 11 शहरों में बेरोजगारी दर डबल डिजिट में है. पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) के मुताबिक 15 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए शहरी क्षेत्रों में सीडब्ल्यूएस (करंट वीक स्टेटस) के हिसाब से बेरोजगारी दर 22.9% रही.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बेरोजगारी दर 17.6% रही. अक्टूबर-दिसंबर 2020 की तिमाही में यह 17.8% थी. वहीं मार्च 2020 की तिमाही में यह दर 10.8% थी. बता दें कि जम्मू कश्मीर ही नहीं उत्तराखंड 14.30%, केरल 14.2%, उड़ीसा 13.70%, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी यही हाल है.
मार्च 2021 तक की तिमाही में गुजरात की शहरी बेरोजगारी दर सबसे कम है. यह फिलहाल 3.8% है. पश्चिम बंगाल में यह आंकड़ा 4.8% है. करीब 13 राज्यों में सभी उम्र की महिलाओं में बेरोजगारी दर डबल डिजिट में रही. वहीं 11 राज्यों में पुरुषों के मामले में यही हाल है.
कुल मिलाकर जनवरी-मार्च 2021 की तिमाही में शहरी बेरोजगारी की दर 9.4% रही. यह अक्टूबर-दिसंबर 2020 की तिमाही से कम रही. उस वक्त ये आंकड़ा 10.3 था.
CWS (करंट वीक स्टेटस) के तहत, किसी व्यक्ति को तब बेरोजगार माना जाता है जब एक हफ्ते के अंदर वह किसी भी दिन एक घंटे के लिए भी काम नहीं करता लेकिन वह काम के लिए उपलब्ध था. PLFS (पब्लिक लेबर फोर्स सर्वे) ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को कवर करता है लेकिन तिमाही बुलेटिन में केवल शहरों पर फोकस किया जाता है.
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